पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और आदिवासी जनसंहार पर :माले का तीखा हमला

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Ajit Kumar

बिहार की ख़बरें

आदिवासी जनसंहार पर माले का गुस्सा: दीपंकर ने लगाए गंभीर आरोप

तीसरा पक्ष ब्यूरो :आज 23 मई को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों पर तीखे सवाल उठाया है उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि घटना को एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन सरकार ने अब तक न तो कोई स्पष्ट जानकारी साझा किया है और न ही किसी आतंकी को गिरफ्तार किया गया है.

पीएम मोदी पहलगाम जाने की बजाय मधुबनी पहुंच गये : दीपंकर

जब यह घटना हुआ इसके बाद भी प्रधानमंत्री ने पहलगाम न जाकर पहले मधुबनी पहुंच गये और एक सभा को संबोधित करते कहा कि आतंकियों को नेस्तनाबूद करके मिट्टी में मिलादेंगे लेकिन अबतक उसमें शामिल एक भी आतंकी का सुराग नहीं मिल पाया है. हालांकि उसने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए पाकिस्तानी जवाबी हमले में मारे गए भारतीय नागरिकों के परिजनों को सांत्वना या सहायता प्रदान करने के लिए सरकार के तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

साम्राज्यवाद विरोधी विरासत और मोदी सरकार के असफल कूटनीतिक: दीपंकर

कामरेड दीपंकर ने कहा कि भारत के साम्राज्यवाद विरोधी लड़ाई की गौरवपूर्ण परंपरा रहा है. शाहाबाद में वीर कुंवर सिंह के नेतृत्व और हिंदू-मुस्लिम एकता के साथ 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका था. लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और ट्रम्प के सामने घुटने टेक दिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका द्वारा भारतीयों के अपमानजनक वापसी, मनमाने टैरिफ और भारत-पाक युद्धविराम पर ट्रम्प के एकतरफा घोषणा पर मोदी की चुप्पी उनके विदेश नीति की विफलता को उजागर करता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी भी देश ने भारत का साथ नहीं दिया, जो सरकार के कूटनीतिक के असफलता का एक बहुत बड़ा सबूत है.

विपक्ष द्वारा इन मुद्दों पर संसद का विशेष सत्र बुलाने के मांग को ठुकराकर सरकार सांसदों के विदेशी दौरों में व्यस्त है.उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में जनता की सुरक्षा और भ्रष्टाचार के समूल उन्मूलन के लिए इंडिया गठबंधन को सत्ता में लाना जरूरी है.

नारायणपुर-बीजापुर में माओवादी और आदिवासी हत्याओं की निंदा : माले महासचिव

माले महासचिव ने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-बीजापुर क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) के नेता कामरेड केशव राव सहित कई माओवादी कार्यकर्ताओं और आदिवासियों की क्रूर हत्या की उसने कड़ी भर्त्सना किया है. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इस घटना को उत्साहपूर्ण ढंग से पेश करने की आलोचना
भी किया है और इसको बेहद निंदनीय बताया और उसने आरोप लगाया कि सरकार ‘ऑपरेशन कगार’ के तहत न्यायिक प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर आदिवासी क्षेत्रों में एक सुनियोजित सैन्य अभियान चला रहा है, ताकि कॉर्पोरेट लूट और सैन्यीकरण के खिलाफ उठने वाली आदिवासी आवाजों को दबाया जा सके.माले महासचिव ने इस नरसंहार की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग किया है और माओवादियों द्वारा घोषित एकतरफा युद्धविराम के बावजूद उन पर जारी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकने का आह्वान किया है.

आशा कर्मियों की हड़ताल: सरकार पर शशि यादव का अल्टीमेटम

माले विधान पार्षद और स्कीम वर्कर्स यूनियन के नेता कामरेड शशि यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बिहार में आशा कर्मी 20 मई से हड़ताल पर हैं. उनकी मांग है कि सरकार पूर्व में किए गए समझौते को तुरंत लागू करे. साथ ही, उन्होंने रसोइया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अनसुलझी मांगों को भी उठाया और सरकार से अविलंब समाधान की मांग किया है.
कामरेड यादव ने चेतावनी दी कि यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुईं, तो राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रियों का जगह-जगह घेराव किया जाएगा.

रोहतास में PM मोदी का कार्यक्रम, किसानों की मांगें उठेंगी

रोहतास, बिहार: अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव और काराकाट के सांसद राजाराम सिंह ने बताया कि 30 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विक्रमगंज, रोहतास में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस दौरान क्षेत्र के किसान और आम लोग उनसे प्रमुख मांगें रखेंगे. इनमें इंद्रपुरी जलाशय का शीघ्र निर्माण, सोन नहरों का आधुनिकीकरण और टेल पॉइंट तक साल भर पानी की व्यवस्था, दुर्गावती, मलई बराज, और उत्तर कोयल सिंचाई परियोजनाओं का तेजी से कार्यान्वयन, कुटकू डैम में फाटक लगाने, डालमियानगर के उद्योगों को पुनर्जनन, और प्रस्तावित रेल कारखाने का निर्माण शामिल है.

इसके अलावा, भारत माला और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित कृषि भूमि के लिए 2013 के कानून के तहत बाजार दर से चार गुना मुआवजा, बिना उचित मुआवजे के भूमि अधिग्रहण पर रोक, मार्केटिंग पर राष्ट्रीय प्रस्ताव वापस लेने, सभी फसलों के लिए C2+50% MSP की कानूनी गारंटी, सरकारी खरीद की व्यवस्था, और बिहार में APMC एक्ट को बहाल कर कृषि मंडियों को फिर से शुरू करने की मांगें शामिल हैं.

इन मांगों को लेकर 28 मई को शाहाबाद और मगध क्षेत्र के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जायेगा संवाददाता सम्मेलन में माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, और विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम भी मौजूद थे.

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