सत्ता के सिंहासन पर ‘हनुमान’, मगर जिम्मेदारी से अनजान!
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना 27 जुलाई:बिहार की सियासत में बयानबाज़ी अब तेज़ होती जा रहा है.राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है.इस बार निशाने पर हैं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और सांसद चिराग पासवान जी,राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से चिराग पासवान को लेकर एक तीखा बयान जारी किया है जिसमें उन्हें सत्ता का भागीदार बताते हुए जिम्मेदारी से भागने वाला नेता बताया गया है.
RJD ने क्या कहा?
RJD के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @RJDforIndia से किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि,
चिराग पासवान भूल जाते हैं कि वह सत्ता का ही हिस्सा हैं! स्वयं को ‘हनुमान’ बताकर सत्ता का रसास्वादन तो कर रहे हैं. पर जब जनता के सामने जाकर 20 सालों से बिहार की हो रही दुर्गति की जिम्मेदारी लेने की बारी आई तो अपना पल्ला झाड़ रहे हैं!”
इस बयान में सीधा निशाना चिराग पासवान के उस बयान पर है जिसमें वे खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ बताते आए हैं.
सत्ता का हिस्सा होकर विपक्ष की भूमिका?
RJD का आरोप है कि चिराग पासवान एक ओर NDA सरकार के साथ हैं.और सत्ता का पूरा लाभ उठा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जनता के बीच जाकर यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वे विपक्ष की तरह सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग की यह दोहरी रणनीति उन्हें आने वाले चुनावों में असहज स्थिति में डाल सकता है. सत्ता की मलाई खाना और जवाबदेही से दूर रहना यह विरोधाभास जनता के बीच विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचा सकता है.
यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार की राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं और चुनावी तैयारियाँ जोर पकड़ रहा हैं.चिराग पासवान पहले भी खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बता चुके हैं. जिससे यह बयान प्रत्यक्ष रूप से उसी संदर्भ में दिया गया माना जा रहा है.
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राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञों का मानना है कि राजद यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि एनडीए के सहयोगी दल सत्ता के जिम्मेदारियों से भाग रहा हैं.वहीं चिराग पासवान की छवि को लेकर यह तंज एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है ताकि विपक्ष की भूमिका में दिखने की उनकी कोशिशों को जनता के बीच अस्वीकार्य ठहराया जा सके.
चिराग का NDA से रिश्ता
चिराग पासवान की पार्टी LJP (रामविलास) 2024 लोकसभा चुनाव में NDA गठबंधन का हिस्सा था और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुला समर्थन भी किया था. वे अक्सर खुद को मोदी का हनुमान कहते हैं और दावा करते हैं कि वे उनके हर निर्णय के साथ खड़े हैं.
लेकिन RJD का कहना है कि यदि आप केंद्र और राज्य की सत्ता का हिस्सा हैं. तो बिहार में विकास की जिम्मेदारी से मुकरना आपके नेतृत्व को कमजोर करता है.
बिहार की हालत पर राजनीति
बिहार में पिछले दो दशकों से शासन कर रहे सरकारों पर बार-बार विकास की असफलता का आरोप लगता रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे अब भी बड़े चुनावी मुद्दा बना हुआ है.
RJD यही दर्शाना चाहता है कि अगर चिराग पासवान वाकई सत्ता में हैं.तो उन्हें भी इन विफलताओं की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिये था ना कि खुद को उससे अलग दिखाना चाहिये.
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ है कि बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप की रफ्तार तेज़ हो गया है.चिराग पासवान पर RJD का हमला सिर्फ एक ट्वीट नहीं बल्कि एक रणनीति भी है.जिससे यह दर्शाया जा सके कि NDA में भी कई नेता सिर्फ सत्ता का लाभ ले रहे हैं. जबकि ज़मीन पर बदलाव नहीं हो रहा.
अब निगाहें इस पर भी टिका हैं कि चिराग पासवान इस तीखे बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं. क्या वह RJD के इस हमले का राजनीतिक जवाब देंगे या चुप्पी साधेंगे?

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