बिहार में अब ‘महाराक्षस राज’ कायम हो गया है :राजद
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,26 जून :राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में बढ़ते अपराध और खासकर दलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा समुदाय के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने आज पटना स्थित पार्टी कार्यालय के कर्पूरी सभागार में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में अब कानून का नहीं, बल्कि सामंती ताक़तों का शासन चल रहा है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में नवगछिया पुलिस जिला के खरीक प्रखंड अंतर्गत अम्भो गांव में 14 जून को एक अत्यंत पिछड़ी जाति की 52 वर्षीय महिला सुलेखा देवी के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई. उन्होंने दावा किया कि यह घटना न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि बिहार में कमजोर तबकों की सुरक्षा पूरी तरह खत्म हो चुकी है.
राजद अध्यक्ष के नेतृत्व में गठित 9 सदस्यीय जांच टीम ने 24 जून को घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर जानकारी एकत्र की.इस टीम में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कांति सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर हसन, पूर्व मंत्री बीमा भारती, राष्ट्रीय महासचिव बीनू यादव, प्रदेश महासचिव मदन शर्मा, प्रवक्ता अरुण कुमार यादव सहित अन्य नेता शामिल थे.
FIR में आरोपियों का नाम तक नहीं
मंडल ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक मिलीभगत के कारण इस जघन्य कांड की एफआईआर तक सही ढंग से दर्ज नहीं की गई. परिजनों के अनुसार, मुख्य आरोपी गुड्डू संगही का नाम तक एफआईआर में दर्ज नहीं किया गया. इतना ही नहीं, पोस्टमार्टम के बाद मृतका का शव परिजनों को सौंपने की सामान्य प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया.
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राजद पीड़ित परिवार के साथ
राजद अध्यक्ष ने साफ कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और सुलेखा देवी के परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करेगी.उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस प्रशासन पीड़ित परिवार पर दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा करना चाहती है.
साल भर में 17 से अधिक मामले, पुलिस बेबस
राजद का दावा है कि बीते एक वर्ष में दलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के साथ दुष्कर्म और हत्या के 17 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से अधिकांश में पीड़ितों को न्याय नहीं मिला.मंडल ने कहा की राज्य की पुलिस अब सामंती ताक़तों के हाथ की कठपुतली बन चुकी है और वही ताक़तें नीतीश सरकार का संचालन कर रही हैं.
मुख्यमंत्री निष्क्रिय, राज्य में अराजकता
जांच दल में शामिल अन्य नेताओं ने कहा कि बिहार में आज की तारीख में शासन नाम की कोई चीज नहीं बची है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से निष्क्रिय हो चुके हैं और राज्य का संचालन अब रिटायर्ड अफसरों के हवाले है.उन्होंने कहा कि अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं है और वे पूरी तरह से बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला
राजद ने दावा किया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, नीतीश-भाजपा शासन के दौरान अब तक राज्य में 65 हजार से अधिक हत्या, 30 हजार से अधिक बलात्कार, 1 लाख से ज्यादा अपहरण और 3 लाख से अधिक चोरी की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं. उन्होंने कहा की बिहार में अब ‘महाराक्षस राज’ कायम हो गया है, जहां अपराधी सत्ता संरक्षित हैं.
निष्कर्ष
राजद के इस तेवर से साफ है कि पार्टी ने कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार को घेरने की रणनीति तेज कर दी है. अम्भो कांड को लेकर शुरू हुई यह सियासी जंग आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है, खासकर तब जब विधानसभा चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है.

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