भीम आर्मी ने लगाया योगी सरकार पर अन्याय का आरोप
तीसरा पक्ष ब्यूरो प्रयागराज/कौशांबी 3 जुलाई :उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न के एक और चिंताजनक मामले ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रयागराज जिले के करछना क्षेत्र में भीम आर्मी के कार्यकर्ता सुनील कुमार गौतम (25) की मौत को लेकर ज़बरदस्त विवाद खड़ा हो गया है.सुनील की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीधे तौर पर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है.
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरोप लगाया है कि उनके छोटे भाई सुनील गौतम की हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई, जिसे प्रशासन “बीमारी” बताकर दबाने की कोशिश कर रहा है.
क्या है पूरा मामला?
चंद्रशेखर आज़ाद के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उनके एक परिवार की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी, और इसके कुछ ही दिन बाद प्रयागराज के करछना में एक अन्य पारिवारिक सदस्य की हत्या कर शव को जलाया गया. जब वह खुद पीड़ित परिवारों से मिलने प्रयागराज पहुँचे, तो सर्किट हाउस में उन्हें नजरबंद कर दिया गया.
इसी दौरान कथित रूप से असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस की मौजूदगी में हमला किया गया, जिसमें उनके छोटे भाई सुनील कुमार गौतम को बुरी तरह पीटा गया.भीम आर्मी का दावा है कि सुनील को अधमरी हालत में खेत में फेंक दिया गया और अस्पताल पहुँचने पर उनकी ICU में मौत हो गई.
वीडियो बनाम पुलिस का दावा
चंद्रशेखर ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें सुनील की गंभीर हालत साफ देखी जा सकती है.उनका दावा है कि वीडियो इस बात का पुख्ता सबूत है कि सुनील की मौत बीमारी से नहीं, बल्कि निर्मम पिटाई से हुई. बावजूद इसके, पुलिस मौत का कारण बीमारी बता रही है और घटना को करछना हिंसा से जोड़ने से इनकार कर रही है.
परिवार पर दबाव और डर का आरोप
भीम आर्मी का कहना है कि पुलिस मृतक के परिवार पर दबाव डाल रही है ताकि वे झूठा बयान दें. सुनील के भाई सतीश के एक अन्य वीडियो का हवाला देते हुए चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि परिवार के चेहरे पर पुलिसिया दबाव और भय साफ झलकता है.
SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग
भीम आर्मी ने राज्य सरकार से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
सुनील गौतम की हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों और असामाजिक तत्वों पर SC/ST एक्ट, हत्या, बलवा, और लूट जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए.
पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी के निर्दोष कार्यकर्ताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएँ.
बड़े आंदोलन की चेतावनी
चंद्रशेखर आज़ाद ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो भीम आर्मी उत्तर प्रदेश भर में बड़े स्तर पर जनांदोलन करने को बाध्य होगी.
निष्कर्ष
प्रयागराज में हुई यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि दलित समाज पर हो रहे निरंतर अन्याय का एक प्रतीक बन गई है. यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह न सिर्फ सामाजिक न्याय बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी गहरी विफलता मानी जाएगी.

I am a blogger and social media influencer. I have about 5 years experience in digital media and news blogging.