तेजस्वी यादव का ऐलान – 9 जुलाई को पटना में चक्का जाम

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kmSudha

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तेजस्वी यादव का ऐलान बिहार में INDIA गठबंधन करेगा 9 जुलाई को पटना में चक्का जाम

बिहार में INDIA गठबंधन करेगा चुनाव आयोग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना 7 जुलाई :आज पटना के 1 पोलो रोड स्थित अपने आवास पर तेजस्वी यादव ने INDIA गठबंधन के नेताओं के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि 9 जुलाई, 2025 को होने वाले चक्का जाम आंदोलन में वो खुद शामिल होंगे. इस आंदोलन को ट्रेड यूनियन ने बुलाया है और इसमें कांग्रेस नेता व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत INDIA गठबंधन के तमाम नेता भी मौजूद रहेंगे. आंदोलन चुनाव आयोग के खिलाफ है, जो बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण को लेकर लोगों में भ्रम फैला रहा है.उसी दिन चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च भी किया जाएगा.

चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर उठे गंभीर सवाल

तेजस्वी ने बताया कि 5 जुलाई को INDIA गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग के पटना ऑफिस जाकर कुछ जरूरी सवाल उठाए थे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. उल्टा हर दिन नए-नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं जिससे जनता और खासकर गरीब तबके के लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं

तेजस्वी यादव का ऐलान – 9 जुलाई को पटना में चक्का जाम

तेजस्वी ने कहा कि फॉर्म-6 में नए वोटर के तौर पर नाम जुड़वाने के लिए पहले आधार, राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज मान्य थे. लेकिन अब चुनाव आयोग की 24 जून की नई अधिसूचना में इनका कोई जिक्र नहीं है. इसकी जगह 11 नए दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जो गरीब और वंचित लोगों के लिए जुटाना मुश्किल है. इससे साफ है कि गरीबों को वोटर लिस्ट से दूर रखने की कोशिश हो रही है और आयोग इस पर कोई साफ बात नहीं कर रहा है.

चुनाव आयोग खुद कन्फ्यूजन में तो आम जनता क्या करे?

श्री तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग की बातें खुद ही आपस में टकरा रही हैं. कल आयोग ने एक फुल पेज का विज्ञापन छपवाया, जिसमें कहा गया कि बीएलओ को फॉर्म भरकर तुरंत देना है, और दस्तावेज बाद में दिए जा सकते हैं. लेकिन उसी दिन कुछ घंटों बाद आयोग ने पुराने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि पहले से तय 11 दस्तावेजों के साथ ही फॉर्म भरना होगा. 24 जून के आदेश और विज्ञापन में साफ अंतर दिख रहा है.

फिर 6 जुलाई को आयोग के फेसबुक पेज पर दो पोस्ट डाले गए, और एक घंटे बाद ये जानकारी दी गई कि 25 जुलाई तक दस्तावेज जमा करने होंगे. इससे साफ है कि खुद आयोग ही तय नहीं कर पा रहा है कि क्या करना है, और आम लोगों को उलझन में डाल रहा है.

तेजस्वी ने मांग की कि चुनाव आयोग को हर सूचना प्रेस नोट या अधिसूचना के ज़रिए बिल्कुल पारदर्शी ढंग से देनी चाहिए. जो सवाल, शंका और गलतियाँ जनता ने उठाई हैं, उनका पॉइंट-वाइज जवाब दिया जाए.

4 करोड़ प्रवासी बिहारियों के नाम काटे जा सकते हैं?

तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि बिहार के 4 करोड़ से ज़्यादा लोग जो राज्य के बाहर रहते हैं, क्या चुनाव आयोग उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाना चाहता है? अगर ऐसा नहीं है, तो साफ-साफ बताए.तेजस्वी यादव ने ये भी कहा कि विधानसभा स्तर पर हर दिन का अपडेट और प्रगति रिपोर्ट आयोग की वेबसाइट पर डाली जाए ताकि लोगों को समझ आ सके कि क्या काम हो रहा है.

4 लाख स्वयंसेवक के चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल

तेजस्वी यादव ने स्वयंसेवकों को लेकर भी सवाल उठाए.28 जून को आयोग ने कहा कि 1 लाख स्वयंसेवक लगाए जा रहे हैं, और फिर 3 जुलाई को ये संख्या 4 लाख हो गई. आखिर इतने लोगों का चयन किस आधार पर किया गया? ये लोग सरकारी हैं या निजी? और इनकी सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही?

तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि जनता की उम्मीदों और लोकतंत्र की गरिमा के मुताबिक काम करे, न कि लोगों में भ्रम फैलाए.जिस तरह से काम हो रहा है, उससे लगता है कि आखिरी वक्त में मनमानी करके किसी का भी नाम वोटर लिस्ट से काट दिया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दल सुप्रीम कोर्ट गए हैं. उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस जटिल प्रक्रिया को रोककर आम जनता के हित में फैसला लेगा और लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देगा.

दोबारा वोटर लिस्ट की जांच-पड़ताल क्यों :राजेश राम

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि चुनाव रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) को जितने अधिकार दे दिए गए हैं, वो सही नहीं लगते. जब फैसला एक ही इंसान के हाथ में हो, तो निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं क्योंकि कोई भी उस एक व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. उन्होंने पूछा कि जब 25 जनवरी 2025 को वोटर लिस्ट पूरी तरह से फाइनल हो चुकी है, तो अब दोबारा वोटर लिस्ट की जांच-पड़ताल क्यों हो रही है? इसका जवाब दिया जाना चाहिए.

राजेश राम ने यह भी बताया कि 9 जुलाई 2025 को होने वाले चक्का जाम आंदोलन को इंडिया गठबंधन और ट्रेड यूनियनों का पूरा समर्थन है. इस आंदोलन में शामिल होने के लिए राहुल गांधी खुद पटना आ रहे हैं. पटना के आयकर गोलंबर से लेकर वीरचंद पटेल पथ होते हुए चुनाव आयोग तक एक बड़ा प्रदर्शन और चक्का जाम कार्यक्रम किया जाएगा.

न बीएलओ चैन से हैं, न वोटर :मुकेश सहनी

वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने कहा कि अब तो शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय रिवीजन के काम में लगा दिया गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है. बिना ठीक से सोचे-समझे फैसले लिए जा रहे हैं, और आम लोग बेवजह परेशान हो रहे हैं. चुनाव आयोग ने ऐसी हालत बना दी है कि न बीएलओ चैन से हैं, न वोटर.बीएलओ को चिंता है कि इतने कम वक्त में वोटर्स से कैसे मिलें, और वोटर्स परेशान हैं कि आखिर दस्तावेज कहां से लाएं.ऊपर से सरकार जनता की इन दिक्कतों की तरफ ध्यान भी नहीं दे रही है

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चुनाव आयोग इस तानाशाही फैसले को तुरंत वापस ले:कॉमरेड कुणाल

सीपीआई(माले) के कॉमरेड कुणाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो फैसला गरीबों के वोट काटने का लिया है, उसी दिन से ये सारा विवाद शुरू हो गया. न तो प्रक्रिया साफ़ है, न ही टाइम टेबल पारदर्शी है.साफ़ दिख रहा है कि नीयत ठीक नहीं है यह सारा खेल बीजेपी और एनडीए को जिताने का है.

जहां महाराष्ट्र में वोट बढ़ाकर और बिहार में वोट काटकर एनडीए को फायदा पहुंचाने की नीयत है.यह सीधा फायदा एनडीए को पहुंचाने की कोशिश है. तमाम सर्वे भी यही बता रहे हैं कि जनता इनके खिलाफ है, इसलिए गड़बड़ी की जा रही है.

कॉमरेड कुणाल ने ये भी कहा कि 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि चुनाव आयोग किसी से नागरिकता का सबूत नहीं मांग सकता. लेकिन अब जो 11 डॉक्युमेंट मांगे जा रहे हैं, वो असल में नागरिकता साबित करने वाले ही हैं.उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग इस तानाशाही फैसले को तुरंत वापस ले.

अन्य नेताओं के बयान

सीपीआई एम के विधायक कॉमरेड अवधेश कुमार ने कहा कि ये सब एक सोची-समझी साजिश है. जब सर्वे में ये साफ दिख रहा है कि बिहार की जनता तेजस्वी जी के साथ मजबूती से खड़ी है, तब कुछ लोग जानबूझकर आम लोगों को परेशान करने की चालें चल रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि बिना जरूरी कागजात के कोई भी फॉर्म न भरें, वरना चुनाव आयोग उनके नाम लिस्ट से हटा सकता है.सवाल ये भी है कि जब 2024 के लोकसभा चुनाव हो रहे थे, तब तो ये सब काम नहीं हुआ लेकिन फिर अब अचानक इतनी जल्दबाज़ी क्यों?

सीपीआई के कॉमरेड रामबाबू ने कहा कि चुनाव आयोग की ये सारी कोशिशें शक के घेरे में हैं और सीधे लोकतंत्र पर हमला है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जैसे चाहती है, वैसे ही संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल अपने फायदों के लिए कर रही है, और इसका हर जगह विरोध किया जाएगा.

इस मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल, कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अलावरू, राज्यसभा सांसद संजय यादव, राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, नवल किशोर यादव, एजाज अहमद, भाकपा माले के के.डी. यादव, सीपीआईएम के कॉमरेड अरुण कुमार और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश सिंह राठौर भी मौजूद थे.

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