आधा दर्जन मंत्री खड़े हो जाते हैं,100 दिन में जनता देगी सरकार को जवाब :तेजस्वी
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,24 जुलाई बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी बयानबाज़ी चरम पर है. राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक बेहद तीखा और आत्मविश्वास से भरा हुआ बयान साझा किया है.तेजस्वी यादव ने यह दावा किया कि जब वे विधानसभा में बोलते हैं तो सत्ता पक्ष के नेता न केवल घबरा जाते हैं बल्कि जवाब देने के बजाय कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश करते हैं.
“मेरे बोलने से सत्ता पक्ष बेचैन हो जाता है”
तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक X हैंडल (@yadavtejashwi) पर लिखा कि,
“इनका ये डर अच्छा है. जब बोलने उठता हूँ तो सत्ता पक्ष घबराया, सहमा और बेचैन रहता है. संसदीय परम्पराओं व लोकतांत्रिक मर्यादाओं के साथ विनम्रता, शालीनता, सत्य, तथ्य और तर्क के साथ अपनी बातें रखता हूँ तो सत्ता पक्ष के पास कोई जवाब नहीं होता.”
तेजस्वी ने आगे लिखा कि जब वह तथ्यों के साथ सरकार की विफलताओं को उजागर करते हैं तो सत्ता पक्ष के मंत्री असहज हो जाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिनके मन में चोर होता है वे खड़े होकर कुतर्क गढ़ते हैं और ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं.
“जब अकेला तेजस्वी बोलता है तो आधा दर्जन मंत्री उठते हैं.” — तेजस्वी यादव
जनता से अपील: अब डरने की ज़रूरत नहीं
तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में जनता से अपील करते हुए कहा कि अब लोगों को इस निकम्मी और नकारा सरकार से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है. उन्होंने दावा किया कि अगले 100 दिनों में जनता इस सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.
“100 दिन के बाद जनता इन्हें बाहर बैठाकर अच्छे से इनका यह डर निकाल देगी.
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राजनीतिक संकेत और रणनीति
तेजस्वी यादव का यह बयान केवल एक व्यक्तिगत भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं है.बल्कि इसे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक राजनीतिक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है. राजद (RJD) लगातार राज्य सरकार को बेरोज़गारी, शिक्षा की स्थिति, महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रहा है.
विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव अपनी राजनीतिक छवि को एक मजबूत, बेबाक और तथ्यों पर आधारित नेता के रूप में गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. सत्ता पक्ष पर उनका यह हमला उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वे युवा मतदाताओं और ग्रामीण जनता को केंद्र में रखकर प्रचार करना चाहते हैं.
क्या कहता है विपक्ष?
तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गया है. जहां विपक्ष इसे तेजस्वी की स्पष्टवादिता और दमदार उपस्थिति का प्रमाण मान रहा है. वहीं सत्ता पक्ष इसे ड्रामेबाज़ी और भ्रम फैलाने की साज़िश करार दे सकता है.
राजनीतिक तापमान बढ़ा, चुनावी रणनीति तेज
बिहार में आगामी चुनावों की आहट तेज हो चुका है. तेजस्वी यादव ने संकेत दे दिया है कि वह सरकार को सदन के भीतर ही नहीं, बल्कि सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हर मोर्चे पर चुनौती देने को तैयार हैं. यह बयान आगामी रणनीति का एक ट्रेलर माना जा सकता है.

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