विकास, निवेश और खुशहाली, तेजस्वी यादव की नई राह
तिसरा पक्ष ब्यूरो पटना,19 सितंबर 2025—बिहार की राजनीति में बदलाव की हवा बह रही है.जहां लंबे समय तक जाति और धर्म आधारित राजनीति हावी रही, अब विकास, निवेश और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में अपनी नई राजनीतिक दिशा का संकेत दिया है, जिसमें सकारात्मकता, रचनात्मकता और प्रगतिशीलता को मुख्य आधार बनाया गया है.
तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल @yadavtejashwi
पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं नई राजनीति करने आया हूँ. जात-पात और धर्म की राजनीति नहीं, बल्कि विकास, खुशहाली और उद्योग-धंधों पर ध्यान देने वाली राजनीति. बिहार में प्रति व्यक्ति आय और निवेश बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे.सकारात्मकता, रचनात्मकता और गुणात्मक परिवर्तन ही राजनीति का आधार होंगे.
इस पोस्ट के साथ एक वीडियो भी साझा किया गया है, जिसमें तेजस्वी विभिन्न रैलियों में भाषण देते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जनता उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया दे रही है और हरे झंडों की लहराई आरजेडी की चुनावी तैयारी की झलक दिखाती है.
बिहार की मौजूदा स्थिति और चुनौती
बिहार, जो भारत के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है, यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. तेजस्वी यादव का फोकस इसी पर है—राज्य में निवेश बढ़ाकर उद्योग और रोजगार के नए अवसर पैदा करना.
तेजस्वी यादव, जो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र हैं, 2015 में विधायक चुने गए और 2017 से 2020 तक बिहार के उप-मुख्यमंत्री रहे.उस दौरान उन्होंने सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सुधार किए. 2020 के चुनावों में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन गठबंधन की वजह से सरकार नहीं बना सकी. अब 2025 के चुनावों की तैयारी में तेजस्वी अपनी ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर हैं, जो 16 सितंबर से शुरू हुई है.
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नई राजनीति: विकास पर जोर
तेजस्वी यादव की नई राजनीति में जाति आधारित राजनीति की जगह विकास-केंद्रित एजेंडा है. उनका कहना है कि हर क्षेत्र में बेहतरी और खुशहाली की राजनीति होनी चाहिए. बिहार में युवाओं की बड़ी आबादी है, और बेरोजगारी दर भी अधिक है. तेजस्वी ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर हर डिग्री धारक को नौकरी दी जाएगी, जो उनकी विकास-केंद्रित राजनीति का हिस्सा है.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेजस्वी की यह रणनीति युवा और शहरी मतदाताओं के बीच काम कर सकती है, क्योंकि वे जाति के बजाय रोजगार और विकास पर ध्यान देना चाहते हैं। हालांकि, चुनौतियां भी हैं.नीतीश कुमार की सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराध के आरोप हैं, जबकि बीजेपी तेजस्वी पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाती है.
निवेश, उद्योग और गुणात्मक बदलाव
तेजस्वी का कहना है कि बिहार में उद्योग और निवेश की संभावनाएं अधिक हैं। पटना, गया और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में आईटी, मैन्युफैक्चरिंग और टूरिज्म क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं. उनका फोकस शिक्षा में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी है.
वीडियो में तेजस्वी कहते हैं,हम सरकार बनाने नहीं, बिहार बनाने आए हैं. गरीबों को ऊपर उठाना है. यह दृष्टिकोण राज्य के लोगों में उम्मीद जगाता है और बिहार की राजनीति में विकास-केंद्रित बदलाव का संदेश देता है.
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव की नई राजनीति बिहार के लिए विकास और खुशहाली का नया रास्ता खोल सकती है.अगर उनका एजेंडा लागू हुआ, तो राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी, उद्योग विकसित होंगे और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे,चुनावी रणनीति और युवाओं के बीच लोकप्रियता इस दृष्टिकोण की सफलता तय करेगी.

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