नौकरी का मतलब तेजस्वी, तेजस्वी का मतलब विकास — बिहार बोले, बदलाव तय है!
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 3 नवंबर 2025 — बिहार में परिवर्तन की हवा तेज होती दिख रही है. राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज कुमार झा ने सोमवार को पटना स्थित कर्पूरी सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में इस बार का चुनाव बुनियादी तौर पर बदलाव का चुनाव है. ये चुनाव तय करेगा कि क्या बिहार टूटी-फूटी ट्रेनों और बेरोजगारी के साथ आगे बढ़ेगा या तेजस्वी यादव के नेतृत्व में रोजगार, सम्मान और निवेश के नए युग में प्रवेश करेगा.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का विजन और मिशन बिहार को नए आयाम पर ले जाने वाला है, और जनता इस सोच के साथ खड़ी है कि अबकी बार बदलाव होकर रहेगा. एनडीए की सरकार पर निशाना साधते हुए प्रो. झा ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में भाजपा-जदयू की जोड़ी ने बिहार को हर मोर्चे पर पीछे धकेल दिया है.नीति आयोग की रिपोर्ट इस सच्चाई को उजागर करती है — शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में बिहार सबसे निचले पायदान पर है.

बिहार को चाहिए विकास, न कि अपमान की राजनीति
प्रो. झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को सिर्फ चुनावी रैलियों में याद करते हैं.वे कहते हैं कि हमने गुजरात के लिए ट्रेनें दीं.असल में वो ट्रेनें बिहार से श्रमिकों को गुजरात ले जाने के लिए थीं. लेकिन अब बिहार के लोग मजदूर नहीं, उद्योग लगाने वाले विचार के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं — और यही तेजस्वी जी का विजन है.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव हर घर सरकारी नौकरी देने के अपने वादे पर पूरी तरह गंभीर हैं.तेजस्वी सरकार बनते ही संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.14 नवंबर के बाद बिहार में एक नए युग की शुरुआत होगी, जहां संवाद, न्याय और रोजगार तीनों साथ चलेंगे.
महिलाओं के सम्मान की गारंटी
प्रो. मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने महिलाओं के लिए जो घोषणाएं की हैं, वे सिर्फ वादे नहीं बल्कि सामाजिक क्रांति की शुरुआत हैं.
उन्होंने बताया कि तेजस्वी जी हर महिला के खाते में सालाना 30,000 रुपये देने की बात कर रहे हैं, यानी पांच साल में 1.5 लाख रुपये. साथ ही उन्हें उद्यमी बनाने के लिए सरकार विशेष सहायता योजना लाएगी.
एनडीए सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आचार संहिता के दौरान महिलाओं को 10,000 रुपये देने का ढोंग कर रहे हैं, वे बताएं कि जब तेजस्वी जी महिलाओं के सशक्तिकरण की ठोस बात करते हैं तो उन्हें परेशानी क्यों होती है?
उन्होंने कहा कि बिहार में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के जरिए महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है और राज्य सरकार चुप है.जीविका दीदियों से बात कीजिए, आपको सच्चाई समझ में आ जाएगी.
सामाजिक न्याय और समान अवसर की दिशा में कदम
प्रो. झा ने घोषणा की कि महागठबंधन की सरकार बनते ही अति पिछड़ा वर्ग पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए विशेष अत्याचार निवारण कानून लागू किया जाएगा.उन्होंने कहा, आरक्षण में न्याय होगा — जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी.
इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों के लिए 25 लाख रुपये का बीमा कराने की योजना भी तेजस्वी सरकार लागू करेगी.
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प्रधानमंत्री की भाषा पर सवाल
प्रो. झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी भाषा पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी ऐसी भाषा बोल रहे हैं जो किसी पंचायत चुनाव में भी नहीं बोली जाती है. देश के सर्वोच्च पद की गरिमा बनाए रखना ज़रूरी है.आज लोग बेहतर सोच और बेहतर व्यवस्था वाली सरकार चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी का मतलब नौकरी, नौकरी का मतलब विकास और विकास का मतलब बिहार का पुनर्जागरण है. बिहार की जनता तेजस्वी यादव पर भरोसा करती है क्योंकि उन्होंने 17 महीने के शासन में नौकरी, पर्यटन, आईटी और विकास के क्षेत्र में ठोस पहल की थी.
बिहार में बदलाव की दस्तक
प्रो. मनोज झा ने अंत में कहा — बिहार अब तैयार है. लोग ‘चलो बिहार, बदले बिहार’ के नारे के साथ तेजस्वी यादव के विजन को स्वीकार कर चुके हैं.यह चुनाव सिर्फ सत्ता बदलने का नहीं, बल्कि बिहार के भाग्य बदलने का चुनाव है.
इस अवसर पर प्रवक्ता प्रो. नवल किशोर यादव, एजाज अहमद, सारिका पासवान, लारेब अकरम, प्रमोद कुमार सिन्हा, उत्पल बल्लभ, आरजू खान सहित कई गणमान्य नेता उपस्थित थे.

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