यूपी में पिछड़े समाज के बुज़ुर्ग को पीट-पीटकर हत्या!
तीसरा पक्ष ब्यूरो फतेहपुर ,28 जून उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में जातीय हिंसा का एक और दर्दनाक मामला सामने आया है. जहानाबाद विधानसभा के अंतर्गत बिरनई गांव में 62 वर्षीय कालीशंकर पटेल की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना 25 जून की रात की है जब कालीशंकर, जो आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे, गांव के ही युवक द्वारा जानलेवा हमला किए जाने का शिकार हुए.
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपी अंशू अवस्थी—जो भाजपा के एक स्थानीय नेता का नाती बताया जा रहा है—ने जातिसूचक गालियाँ देते हुए लाठी से हमला किया.अंशू अवस्थी पहले से ही कई आपराधिक मामलों में वांछित है, बावजूद इसके वह अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
परिवार को नहीं मिला अब तक न्याय, प्रशासन पर उठे सवाल
कालीशंकर के परिजनों का कहना है कि तीन दिन बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि आरोपी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते पुलिस कार्रवाई से बच रही है.
भीम आर्मी और ASP (कांशीराम) का सरकार को अल्टीमेटम
भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने इस जघन्य हत्या को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल भीम आर्मी के ज़रिए स्पष्ट शब्दों में चेताया है कि अगर आरोपी की गिरफ्तारी जल्द नहीं होती, तो संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
“यह सिर्फ हत्या नहीं, दलितों के खिलाफ जारी अत्याचारों की एक और कड़ी है.अगर सरकार दोषी को बचाने की कोशिश करती है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे. – चंद्रशेखर आज़ाद
प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल
घटना ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.क्या कानून का राज हर नागरिक के लिए बराबर है, या जातीय और राजनीतिक पहचान के आधार पर न्याय का तराजू झुकाया जा रहा है?

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