राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फहराया भारत का तिरंगा ,साक्षी बने मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह अल-सीसी
तीसरा पक्ष ब्यूरो।। 26 जनवरी 2023 को भारत ने अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत का झंडा फहराया और सैन्य परेड की सलामी लिए। आजादी के अमृत महोत्सव में भारत का यह गणतंत्र दिवस बहुत ही अनोखा और आकर्षक था। इस बार के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह अल-सीसी थे। कर्तव्य पथ पर आयोजित इस गणतंत्र दिवस समारोह के गवाह करोड़ो भारतीय बने। इस समारोह के दौरान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ,गृह मंत्री अमित साह के अलावे कई गणमान्य आदि मौजूद थे। कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य परेड में भारत के वीर सैनको का, हुंकार और हैरतअंगेज कारनामे देखने को मिले। भारत के तीनों सेनाओं अर्थात थल सेना ,वायु सेना और नेवी के जवानों ने परेड में एक से बढ़कर एक करतब दिखाकर वहां मजूद सभी को रोमांचित एवं जोश से भर दिए।
कर्तव्य पथ पर भारतीय सैनिकों के हैरतअंगेज करतब

भारतीय संस्कृति की संक्षिप्त झलक
गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के विभिन्नय राज्यों से आए हुए कलकारों ने अपने झाकियों के द्वारा कर्तव्य पथ पर मौजूद सभी आम और खास लोगो का मन मोह लिए। ऐसा लगा मानो पूरा भारत कर्तव्य पथ उमड़ परा है।भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पक्षिम तक सभी संस्कृतियों का संगम देखने को मिले। कई राज्यों के झाकियों में भारत के प्राचीन परम्परा और नारी शक्ति को प्रमुखता दिखाए गए। कई राज्यों के झाकियों में भारत के प्राचीन परम्परा और नारी शक्ति को प्रमुखता दिखाए गए। झाकियों में पर्यावरण के के प्रति लोगो को सचेत व् जागरूक किया तो दूसरी तरफ सौर ऊर्जा और जैविक खेती के प्रति भी सचेत किया गया।

विविधता में एकजुटता से भरा यह सार्वजनिक उत्सव तब और अनूठा हो जाता है जब विभिन्न राज्य कर्तव्य पथ पर झांकी के माध्यम से अपने जीवन के तरीके, रीति-रिवाजों और प्रगति को दिखाते हैं। इसके साथ ही लोक नृत्य मंडलियों में आपने अपने राज्यों को लोक नृत्यों से संबोधित किया है सभी कंपनियां अपनी-अपनी कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर देती हैं इसी प्रकार गायन, नृत्य और वादन के कई कार्यक्रम हैं, जिसके बाद कार्यक्रम चलता है। सेवा के अंत में फ्लाइंग कॉर्प्स के विमान विजय चौक की उपेक्षा करते हैं, रंगीन गैस पहुंचाते हैं,ऊपर सार्वजनिक बैनर दिखाते हैं।
भारतीय गणतंत्र दिवस और इतिहास
गणतंत्र दिवस को भारत के प्रमुख सार्वजनिक उत्सवों में से एक माना जाता है, इस असाधारण दिन को असाधारण भव्यता के साथ मनाया जाता है और देश को दिखाता है। 26 जनवरी 1950 को लागू हुए भारतीय संविधान का सम्मान करने के लिए इस दिन 26 जनवरी को लगातार मनाया जाता है। हमारे देश में इस आधार पर कि हमारे देश कि स्वतंत्रता कि लड़ाई के साथ-साथ हमारे देश के संविधान कि भी एक असाधारण प्रतिबद्धता है और यह वह दिन है जो हमें हमारे देश के गणतंत्र और इसकी विविधताओं के महत्व से परिचित कराता है।
भारतीय गणतंत्र दिवस कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बहुत ही रोचक है। इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी। जब हमारे देश में पब्लिक अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक्ट को खत्म कर के भारत का संविधान लागू किया गया था तब से गणतंत्र दिवस हमारे देश के संविधान और गणतंत्र का सम्मान करने के लिए 26 जनवरी को लगातार कार्यक्रम की सराहना की जाती है। बहरहाल इस दिन से जुड़ा एक और इतिहास है और इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1930 को हुई थी क्योंकि यह वह यादगार दिन था जब कांग्रेस ने पहले पूर्ण स्वराज के लिए दिलचस्पी दिखाई थी।
इसकी शुरुआत तब हुई, जब 1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की बैठक के दौरान एक लक्ष्य पारित किया गया कि अगर अंग्रेजी सरकार ने 26 जनवरी 1930 तक भारत को क्षेत्र का दर्जा नहीं दिया तो उस समय से भारत पूरी तरह से स्वतंत्र उच्चारण करेगा। इसके बाद 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने कांग्रेस के इस आग्रह का कोई जवाब नहीं दिया। तो उस दिन से कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता के आश्वासन के लिए अपना गतिशील विकास शुरू किया और जब भारत 15 अगस्त 1947 को भारत के लोक प्राधिकरण 26 जनवरी के सत्यापन योग्य महत्व को ध्यान में रखते हुए स्वायत्त हो गया। इस दिन को गणतंत्र की नींव के लिए चुना गया था।
गणतंत्र दिवस का महत्व
26 जनवरी को मनाया जाने वाला हमारा गणतंत्र दिवस का यह उत्सव प्रभावी रूप से हमें आत्मविश्वास से भर देता है और हमें पूर्ण अवसर का एहसास कराता है इसलिए इस दिन को इतनी भव्यता और ऊर्जा के साथ पूरे देश भारत में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस का यह उत्सव हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह दिन है जो हमें अपने संविधान के महत्व को समझने का कारण बनता है। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद होने के बाद भी 26 जनवरी 1950 को पूर्ण स्वायत्तता मिली क्योंकि यह वह दिन था जब हमारे देश का संविधान सफल हुआ और हमारा देश भारत विश्व पटल पर गणतंत्र देश के रूप में स्थापित हुआ। आज अगर हम स्वतंत्र रूप से कोई भी निर्णय ले सकते हैं या किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और अपमान के खिलाफ अधिक जोर से बोल सकते है तो यह केवल हमारे देश के संविधान और रूढ़िवादी प्रकृति के कारण संभव है। हमारे देश में गणतंत्र दिवस को एक सार्वजनिक उत्सव के रूप में क्यों मनाया जाता है इसके पीछे यही प्रेरणा है।
यह बात हवाओं से कहते रहो, रोशनी होगी, दीये जलाते रहो,
ऐसा तिरंगा सदा हृदय में धारण करना, जिसकी रक्षा हमने रक्त देकर की है।
और अंत में, गणतंत्र सदा अमर रहे हमरा
गणतंत्र दिवस का यह सार्वजनिक उत्सव से जहां तक हमारा संबंध है, इस आधार पर महत्वपूर्ण है कि हमारे देश का संविधान और इसकी रूढ़िवादी संरचना हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का प्रयास करती है। यह वह दिन है जब हमारे राष्ट्र को विश्व पटल पर गणतंत्र देश के रूप में अंकित किया गया था। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश में इतनी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।अतः गणतंत्र दिवस की इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी को तीसरा पक्ष की टीम की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !

I am a blogger and social media influencer. I am engaging to write unbiased real content across topics like politics, technology, and culture. My main motto is to provide thought-provoking news, current affairs, science, technology, and political events from around the world.