तीसरा पक्ष ब्यूरो : पटना,आज 15 मई को राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने भाजपा पर निशाना साधते हुये कहा कि देश की बेटी और बहादुर सैनिक कर्नल सोफिया कुरैशी पर किया गया शर्मनाक टिप्पणी पर भाजपा चुप क्यों है आखिर क्या कारण है. उसने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के द्वारा देश की बेटी और बहादुर सैनिक कर्नल सोफिया कुरैशी पर एक शर्मनाक टिप्पणी किया है.जिसके कारण मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने का जो आदेश है उसको को एजाज अहमद ने संवैधानिक अधिकार के प्रति एक बेहतर कदम बताते हुये कहा कि न्यायिक व्यवस्था से ऐसे लोगों को सजा जरुर मिलना चाहिये जो देश के अंदर माहौल को खराब करना चाहता हो.

भाजपा अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा ? : एजाज
एजाज अहमद ने कहा कि भाजपा के मध्य प्रदेश इकाई से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक की चुप्पी यह स्पष्ट करता है कि सैनिकों के मनोबल को कमजोर करने वाली टिप्पणियों को भाजपा गंभीरता से नहीं ले रहा है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऐसी भाषा को अस्वीकार्य बताते हुए कहा है कि इस प्रकार कि टिप्पणी अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है और यह नफरत फैलाने वाली भाषा है जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा कर सकता है. फिर भी, भाजपा ऐसी टिप्पणियों पर चुप क्यों है और अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा ? आखिर क्यों कर्नल सोफिया जैसी वीर सेनानी के शौर्य की प्रशंसा करने के बजाय भाजपा नेता उनके खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी कर रहा हैं, जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है?
सेना के मनोबल और संविधान पर प्रहार: एजाज
एजाज ने कहा कि भाजपा के मंत्री का बयान न केवल सामाजिक ताने-बाने और संस्थाओं को चोट पहुंचाता है, बल्कि कर्नल सोफिया जैसे वीर सैनिकों के बलिदान और पाकिस्तान को करारा जवाब देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी अपमान भी करता है. ऐसी टिप्पणियां सेना के मनोबल को कमजोर करने वाला है और भारत के संविधान के खिलाफ हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता और मंत्री लगातार इस तरह के बयानों के जरिए एजेंडा आधारित राजनीति को बढ़ावा देता हैं और राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करता हैं. इसके बावजूद, भाजपा ऐसे नेताओं पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साध लेती है.
संवैधानिक पदों पर ध्रुवीकरण की भाषा और कार्रवाई का अभाव:एजाज
राजद प्रवक्ता अहमद एजाज ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि न्यायालय ने संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को ध्रुवीकरण वाली भाषा से बचने और हर शब्द पर ध्यान देकर बयान देने की जो हिदायत दिया है वह उन लोगों के लिए सबक है जो धर्म विशेष के खिलाफ संविधान और संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने वाली टिप्पणियां करता हैं. विजय शाह के मामले में न तो मध्य प्रदेश सरकार ने और न ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कोई कार्रवाई किया न ही उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगा गया. यह स्पष्ट करता है कि भाजपा देश में किस तरह के राजनीति को बढ़ावा दे रहा है एजाज ने कहा कि भाजपा को अब तक विजय शाह को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए था.

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