घटना ने हिलाया बिहार, सरकार पर उठे सवाल :और CM का पुतला दहन
तीसरा पक्ष ब्यूरो,पटना:मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में एक नाबालिग दलित बच्ची के साथ हुए बलात्कार और हत्या की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना में न केवल अपराधियों की क्रूरता उजागर हुई, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही भी सामने आई. पीएमसीएच में समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्ची ने दम तोड़ दिया, जिससे जनता में आक्रोश और बढ़ गया.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर गुस्सा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की ओर से इस मामले में गंभीरता न दिखाने और लापरवाही को छुपाने की कोशिश ने लोगों का गुस्सा और भड़का दिया है.बच्ची को तत्काल चिकित्सा सुविधा और एम्बुलेंस न मिलना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है. यह घटना बिहार में बढ़ते बलात्कार, हत्या और लूट की घटनाओं का एक और उदाहरण बन गई है.

महिला राजद का आक्रोश मार्च और पुतला दहन
इस अमानवीय घटना के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की महिला प्रकोष्ठ ने 3 जून 2025 को पटना में एक आक्रोश मार्च निकाला.इस मार्च का नेतृत्व महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने किया.राजद कार्यालय से शुरू होकर आयकर गोलंबर तक पहुंचे इस मार्च में गगनचुंबी नारे गूंजे. प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे और बिहार सरकार से महिलाओं व बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों की जिम्मेदारी लेने की मांग की. मार्च के अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया.
ये भी पढ़े :-दलित समाज का शोषण: जिम्मेदारी किसकी? – प्रो. अमित कुमार पासवान ,पटना विश्वविद्यालय
ये भी पढ़े :-बिहार में शासन और स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी: 10 साल की दलित बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन?
तेजस्वी यादव की सक्रियता ने खोली सरकार की पोल
वक्ताओं ने मार्च के दौरान कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के घटनास्थल दौरे के बाद ही सरकार की नींद टुटा है. इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने इस मामले में पूरी तरह उदासीनता दिखाई. तेजस्वी यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय का भरोसा दिलाया और इस मामले में सरकार की नाकामी को उजागर किया.

मांग: त्वरित न्याय और सख्त कार्रवाई
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि बच्ची के साथ हुए इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए। साथ ही, स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार और महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इस घटना ने बिहार सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
मार्च में शामिल हुए प्रमुख नेता

आक्रोश मार्च में विधान पार्षद डॉ. उर्मिला ठाकुर, पूर्व विधायक प्रेमा चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता सारिका पासवान, पूर्व अध्यक्ष आभा लता, मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह, अनीता भारती, सगुन सिंह, स्नोहा रानी, शकुंतला दास, रत्ना प्रिया, रीना चौधरी, नीतू कुमारी दास, माया गुप्ता, अर्चना यादव, इंद्रानी देवी, मीरा यादव, रूबी कुमारी, प्रतिमा कुमारी सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं.
राजद नेताओं का समर्थन
इसके साथ ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, नवल किशोर यादव, एजाज अहमद, जयंत जिज्ञासु, उत्पल वल्लभ, मदन शर्मा, डॉ. प्रेम कुमार गुप्ता, अरविंद सहनी, कुमर राय, डॉ. मोहित कुमार, महेंद्र विद्यार्थी, जेम्स कुमार यादव, महताब आलम, गुलाम रब्बानी, उपेंद्र चंद्रवंशी, संजय यादव, निरंजन चंद्रवंशी, मनोज यादव, अमरेंद्र चौरसिया, बच्चा कुमार सिंह, मुकेश तांती, गणेश कुमार यादव, कुंदन कुमार यादव, विक्रम मंडल, नौशाद अख्तर जैसे राजद नेता और कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मार्च में शामिल हुए.

I am a blogger and social media influencer. I have about 5 years experience in digital media and news blogging.