संविधान का एक शब्द भी नहीं छू सकते !
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली 30 जून : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर प्रकाशित एक पोस्ट में स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि भाजपा या उनके सहयोगी संगठन आरएसएस संविधान में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की कोशिश करेंगे, तो कांग्रेस और लोकतांत्रिक ताकतें “पूरी ताकत से” इसका मुकाबला करेंगी.उन्होंने इसे संविधान की रक्षा के लिए एक निर्णायक मोड़ बताया.
खड़गे ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि हाल के दिनों में भाजपा-आरएसएस की गतिविधियों से संविधान की मूल भावना—गणतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय—खतरे में पड़ गई हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी बदलाव सीधे मौलिक अधिकारों और संतुलन को प्रभावित करेगा, जिसके परिणामस्वरूप समाज में “गहरी लड़ाई” लड़ी जाएगी.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा –
“जब संविधान पर कोई हमला होगा, हम उसे न केवल संसद, बल्कि सड़क और न्यायालयों में भी बचाएंगे.” – मल्लिकार्जुन खड़गे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कांग्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया है कि भाजपा आहिस्ता-आहिस्ता मतदेय, संसदीय संस्थाओं की स्वतंत्रता और संविधान की आत्मा को कमजोर कर रही है.
राजस्थान के डोटासरा और टीकाराम जूली ने भी इन समान आरोपों को दोहराते हुए कहा है कि भाजपा-आरएसएस संविधान को हटाकर मनुस्मृति लागू करने की तैयारी कर रहे हैं .
विशेषकर खड़गे ने चुनावी मंचों पर यह संदेश दोहराया है कि भाजपा की 400 सीटों की रणनीति संविधान को बदलने का एक माध्यम बन सकती है .
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राष्ट्रीवादी बनाम लोकतंत्र: दोनों दलों की सोच
कांग्रेस का दृष्टिकोण:
संविधान की मौलिक संरचना और संस्थागत स्वतंत्रता को बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है.खड़गे ने चेतावनी दी है कि किसी भी बदलाव का यत्न लोकतांत्रिक एवं सामाजिक संतुलन को तोड़ सकता है, जिससे “उथल-पुथल” संभव हो सकती है .पार्टी ने ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ जैसे नारे अपनाए हैं .
भाजपा-आरएसएस की स्थिति
अभी तक भाजपा ने संविधान में कोई संशोधन करने का संकेत नहीं दिया है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि मनुस्मृति, संस्कृति, और राष्ट्रीयता जैसे मुद्दों पर जोर देकर धीरे-धीरे संविधान की मूल भावना को बदलने का प्रयास हो रहा है.
आगामी चुनावों में इसका असर
कांग्रेस इस मुद्दे को 2025–26 विधानसभा और लोकसभा उपचुनावों की रणनीति में प्रमुखता से शामिल करने की तैयारी कर रही है.
विपक्षी दलों को इस बात की उम्मीद है कि संविधान की रक्षा का मुद्दा युवा, अल्पसंख्यक और संवेदनशील वर्गों को जोड़ने का काम करेगा.
भाजपा की रणनीति अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन केंद्रीय सरकार की योजनाएं—जैसे कानून-व्यवस्था, संस्कृति और शिक्षा—इन परिप्रेक्ष्यों में देखी जा रही हैं.
निष्कर्ष
मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान उनकी पार्टी की संविधान-प्राप्त लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह स्पष्ट संदेश है कि अगर भाजपा या आरएसएस किसी भी प्रकार से संविधान में कोई बदलाव लाने का प्रयास करेंगे, तो कांग्रेस इसकी तीव्र प्रतिक्रिया देगी. भविष्य में यह बहस लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संविधान के संरक्षण को लेकर तीव्र हो सकती है.

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