चंद्रशेखर आजाद का बड़ा बयान,झूठे मुकदमों की वापसी तक संघर्ष जारी

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Kumar Ranjit

भारत
चंद्रशेखर आजाद का बड़ा बयान,झूठे मुकदमों की वापसी तक संघर्ष जारी

आजाद बोले – झूठे मुकदमों की वापसी तक आंदोलन जारी!

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,25 सितंबर 2025 – भारतीय राजनीति और सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करने वाले भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजादने एक बार फिर अपने तेवर साफ कर दिये हैं. मेरठ जेल में अपने साथियों से मुलाकात के बाद उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक झूठे मुकदमे वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.यह बयान केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह बहुजन समाज की न्याय की लड़ाई का प्रतीक भी है.

मेरठ जेल का दौरा और साथियों से मुलाकात

चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने आधिकारिक X (Twitter) हैंडल @BhimArmyChief से जानकारी साझा किया कि वे मेरठ जेल पहुंचेगे और वहां बंद अपने साथियों से मुलाकात करेंगे .
उन्होंने कहा:
“हर परिस्थिति में हम अपने साथियों के संघर्ष में उनके साथ खड़े रहेंगे.जब तक झूठे मुकदमे वापस नहीं होंगे, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

यह संदेश उन कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए ऊर्जा का काम करता है जो लंबे समय से सामाजिक न्याय और बराबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं.

झूठे मुकदमों का मुद्दा और आंदोलन का संकल्प

आजाद ने साफ कहा है कि यह लड़ाई केवल उनके संगठन की नहीं बल्कि पूरे बहुजन समाज की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय महासचिव रविंद्र कुमार भाटी, पार्टी नेताओं और गुर्जर समाज को जानबूझकर निशाना बनाया गया है.
उनके अनुसार, यह राजनीतिक और सामाजिक साजिश है, जिसका विरोध करना आवश्यक है.

आजाद का यह रुख बताता है कि आंदोलन की राह लंबी और संघर्षपूर्ण होगी, लेकिन बहुजन समाज इसे किसी भी कीमत पर भूलने वाला नहीं है.

बहुजन समाज की प्रतिक्रिया

चंद्रशेखर आज़ाद का यह ट्वीट बहुजन समाज में नई ऊर्जा लेकर आया है.

लोग इसे अन्याय के खिलाफ लड़ाई मान रहे हैं.

समर्थकों का कहना है कि यह केवल कुछ व्यक्तियों की गिरफ्तारी का मामला नहीं, बल्कि यह पूरे समाज के आत्मसम्मान से जुड़ा हुआ है.

कई सामाजिक संगठनों ने भी आज़ाद के इस बयान का समर्थन किया और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के रूप में देखा.

राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक पंडित मानते हैं कि चंद्रशेखर आज़ाद का यह बयान आने वाले चुनावी समीकरणों में बड़ा असर डाल सकता है.

गुर्जर समाज और बहुजन वोट बैंक को साधने की कोशिश साफ दिखाई देती है.

यह भी माना जा रहा है कि इस संघर्ष से आज़ाद खुद को बड़े विपक्षी नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.

यदि मुकदमों की वापसी में देरी हुई तो आंदोलन और तेज हो सकता है, जिससे सत्ताधारी दल पर दबाव बढ़ेगा.

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भीम आर्मी की रणनीति

भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (ASP) पहले से ही सड़कों पर संघर्ष के लिए जानी जाती है.

सामाजिक न्याय के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाना.

बहुजन समाज को संगठित कर मजबूत राजनीतिक शक्ति बनाना.

जेल और मुकदमों की राजनीति को जनआंदोलन में बदलना.

यह रणनीति उन्हें सीधे जनता से जोड़ती है और आंदोलन को व्यापक समर्थन दिलाती है.

सोशल मीडिया पर असर

आजाद का ट्वीट कुछ ही घंटों में हजारों बार रीट्वीट और शेयर हुआ.
सोशल मीडिया की ताकत से यह आंदोलन अब केवल मेरठ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है.

निष्कर्ष

चंद्रशेखर आजाद का यह बयान न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है.
उनका स्पष्ट संदेश है कि –
“जब तक झूठे मुकदमे वापस नहीं होंगे, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

यह जंग केवल जेल में बंद साथियों की रिहाई के लिए नहीं है, बल्कि बहुजन समाज के आत्मसम्मान, अधिकार और न्याय की लड़ाई है.
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस आंदोलन का कैसे जवाब देती है और क्या वाकई झूठे मुकदमे वापस लिए जाते हैं या आंदोलन और व्यापक रूप लेता है.

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