पहलगाम हमले पर खड़गे का सवाल: कब तक चुप रहेगी सरकार?

| BY

Ajit Kumar

भारत
पहलगाम हमले पर खड़गे का सवाल: कब तक चुप रहेगी सरकार?

हमने दिया था बिना शर्त समर्थन, अब सरकार दे जवाब’: खड़गे का हमला

तीसरा पक्ष ब्यूरोनई दिल्ली, 21 जुलाई: भारत की संसद में एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और आतंकी घटनाओं को लेकर बड़ा राजनीतिक टकराव सामने आया है. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लॉटफोर्म एक्स पर कुछ प्रमुख मुद्दे पर ट्वीट के जरिये केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए दो दिन की विशेष बहस की मांग किया है. उनकी मांगों मुख्य रूप से फोकस तीन प्रमुख बिंदुओं पर है:पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर ,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर संबंधी दावे

पहलगाम आतंकी हमला: अब तक कार्रवाई क्यों नहीं?

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अब एक बार फिर चर्चा में है. खड़गे का दावा है कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आज तक न पकड़ा गया है और न मारा गया है.

सबसे बड़ा सवाल उन्होंने यह उठाया कि हमले में हुई चूक को खुद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वीकारा है.
खड़गे ने सरकार पर तंज कसते हुए पूछा कि ,

अगर हमने सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बिना शर्त समर्थन दिया, तो अब जब चूक सामने है, जवाब कौन देगा?

ऑपरेशन सिंदूर: क्या है इसकी सच्चाई?

हाल ही में भारतीय सेना द्वारा चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भी खड़गे की नजरों में पारदर्शिता से कोसों दूर है.
उन्होंने संसद में दिए अपने नोटिस में बताया कि:

Chief of Defence Staff (CDS)

उप सेना प्रमुख (Vice Army Chief)

और एक वरिष्ठ Defence Attaché ने इस ऑपरेशन से जुड़े कुछ अहम खुलासे किये हैं.

खड़गे ने मांग किया है कि इन बयानों और ऑपरेशन की स्थिति को संसद के सामने लाया जाये ताकि जनता को पूरी जानकारी मिल सके कि आखिर ऑपरेशन के पीछे रणनीति क्या थी.और परिणाम क्या निकले?

विदेश नीति पर सवाल: ट्रंप के बयान को लेकर नाराज़गी

खड़गे ने अपने ट्वीट में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा भी उठाया है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वो दावा जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच Ceasefire करवाई.

ट्रंप ने यह दावा एक या दो बार नहीं बल्कि 24 बार दोहराया जिससे भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर सवाल उठता है.

खड़गे का कहना है कि यह न सिर्फ सरकार की चुप्पी को उजागर करता है बल्कि देश की संप्रभुता के लिए भी अपमानजनक है.

विशेष सत्र और दो दिवसीय बहस की मांग

खड़गे ने साफ किया कि कांग्रेस पहले भी इन मुद्दों पर विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुका है.
अब जब संसद सत्र चल रहा है उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि :

सरकार को पहलगाम हमले,

ऑपरेशन सिंदूर,

राष्ट्रीय सुरक्षा की चूक और

विदेश नीति की दिशा पर दो दिन की बहस करनी चाहिये.

साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्वयं संसद में आकर जवाब देने की मांग किया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर चिंता

खड़गे ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी नाराज़गी जाहिर किया है. जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘सीज़फायर करवाया’. उन्होंने कहा कि यह बयान 24 बार दोहराया गया है और यह भारत की विदेश नीति के लिए अपमानजनक है.

निष्कर्ष:

मल्लिकार्जुन खड़गे की यह प्रेसेंस और मांग न केवल सत्तारूढ़ पार्टी पर दबाव बना रहा है. बल्कि यह साफ संकेत भी देता है कि आने वाले समय में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति भारत की राजनीति के केंद्र में होगा.

क्या सरकार इन सवालों का जवाब देगी या फिर यह मुद्दे एक और राजनीतिक विवाद बनकर रह जाएंगे . इसका जवाब आने वाले दिनों में संसद में ही मिलेगा.

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