केजरीवाल का केंद्र पर तीखा वार: बोले, अमेरिकी दबाव के आगे झुकना बंद करो

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Kumar Ranjit

दुनियाभारत
केजरीवाल का केंद्र पर तीखा वार: बोले, अमेरिकी दबाव के आगे झुकना बंद करो

किसानों के लिए उठाओ ठोस कदम

तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली, 28 अगस्त 2025 — दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी टैरिफ नीति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत को अब अमेरिकी दबाव के आगे झुकना बंद कर देना चाहिए.एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील किया है कि भारत को अमेरिका की तरह ही जवाबी टैक्स लगाकर अपना रुख सख्त करना चाहिए.

कपास किसानों के मुद्दे पर विशेष चिंता

उन्होंने लिखा है कि,
अगर अमेरिका ने हमारे उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया है. तो भारत को भी उनके उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाना चाहिए. मोदी जी अब साहस दिखाइए — पूरा देश आपके साथ है.

कपास किसानों के मुद्दे पर विशेष चिंता

केजरीवाल ने खासतौर पर भारत के कपास किसानों की स्थिति को लेकर चिंता जताई और सरकार से मांग किया कि अमेरिका से आयात होने वाली कपास पर फिर से 11% आयात शुल्क लगाया जाए.उनका कहना है कि यह कदम देश के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कुछ राहत दे सकता है.

उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा,
अगर अमेरिका को जवाब देना भी मुश्किल है. तो कम से कम अपने किसानों को तो बचाइए.अमेरिकी कपास पर पहले की तरह 11% ड्यूटी फिर से लागू की जानी चाहिए.

पृष्ठभूमि: अमेरिका की टैरिफ नीति से भारत पर असर

हाल के घटनाक्रमों में अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिए हैं. जिससे भारतीय निर्यातकों और विशेष रूप से कृषि क्षेत्र को नुकसान होने की आशंका है. इस कदम से भारत के छोटे और मध्यम स्तर के किसान और व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं.

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राजनीतिक दबाव और आगामी रणनीति

केजरीवाल के इस बयान को केवल आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक दांव के रूप में भी देखा जा रहा है. इससे न केवल मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठते हैं.बल्कि विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर सीधा वार भी है.

विपक्षी नेताओं और किसान संगठनों द्वारा भी यह मांग उठाई जा रही है कि अमेरिका की दादागिरी का कड़ा जवाब दिया जाए और भारतीय हितों की रक्षा को सर्वोपरि रखा जाए.

निष्कर्ष: क्या मोदी सरकार लेगी कोई ठोस कदम?

अब सबकी निगाहें मोदी सरकार पर टिकी हैं कि क्या वह अमेरिका की इस टैरिफ नीति के खिलाफ कोई ठोस रणनीति अपनाएगी या फिर घरेलू दबाव के बीच कोई समझौता करेगी। फिलहाल, किसानों और व्यापारियों को राहत दिलाने की ज़िम्मेदारी सरकार के कंधों पर है.

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