सरकार की घोषणाएं नहीं, छलावा है ये: भाकपा (माले)

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Ajit Kumar

बिहार
सरकार की घोषणाएं नहीं, छलावा है ये: भाकपा (माले)

दबाव में सरकार, जले पर नमक छिड़क रही है: कुणाल

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 22 जून : बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालिया घोषणाओं को लेकर भाकपा (माले) ने तीखा हमला बोला है.पार्टी के राज्य सचिव कामरेड कुणाल ने इन घोषणाओं को “चुनावी दबाव में की गई झूठी और भ्रामक घोषणाएं” बताया है.उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता की पीड़ा का समाधान करने की बजाय, उनके जख्मों पर नमक छिड़क रही है.

मानदेय में बढ़ोतरी – एक छलावा

सरकार द्वारा जीविका कार्यकर्ताओं के मानदेय को 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करने की घोषणा को भाकपा (माले) ने महज़ “नौटंकी” करार दिया.
कुणाल ने सवाल उठाया कि जब खुद सरकार 6000 रुपये की मासिक आय वाले परिवारों को अतिनिर्धन मानती है, तो 3000 रुपये की आय पर गुज़ारा कैसे संभव है? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह बढ़ा हुआ मानदेय राज्य सरकार वहन करेगी या इसका बोझ भी स्वयं सहायता समूहों पर ही डाला जाएगा – इस पर सरकार चुप है.

आशा, आंगनबाड़ी और रसोइयों को पूरी तरह नजरअंदाज़ करने पर भी कुणाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार न्यूनतम मज़दूरी के आधार पर मानदेय तय करे, तो यह राशि कम-से-कम 16,000 रुपये प्रति माह होनी चाहिए.

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महिला समूहों पर ब्याज में कटौती – छल का जाल

महिला स्वयं सहायता समूहों को दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने की घोषणा को भी भाकपा (माले) ने अपर्याप्त और दिशाहीन बताया. पार्टी का कहना है कि कर्ज के बोझ तले दबी महिलाओं को राहत देने के लिए जरूरी है कि पुराने कर्ज माफ किए जाएं और उन्हें ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाए. ब्याज दर में मामूली कमी महिलाओं की आर्थिक स्थिति पर कोई ठोस असर नहीं डालेगी.

दो लाख की सहायता – वोट बटोरने की रणनीति

सरकार द्वारा बिहार के 95 लाख अतिनिर्धन परिवारों को 2 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता देने की योजना पर भी भाकपा (माले) ने सवाल उठाए हैं. कुणाल ने पूछा कि क्या इस सहायता के लिए आय प्रमाणपत्र आवश्यक होगा? यदि हां, तो इसका मतलब है कि अधिकांश पात्र परिवार इसे समय पर प्राप्त नहीं कर सकेंगे.उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना केवल वोटरों को बहलाने और चुनाव तक भ्रम बनाए रखने की कोशिश है.

बिहार की जनता अब जागरूक है

कामरेड कुणाल ने विश्वास जताया कि बिहार की जनता अब “20 वर्षों के जदयू-भाजपा शासन के झांसे” में नहीं आने वाली.उन्होंने कहा कि जनता इस बार इन “जनविरोधी और धोखेबाज़ ताक़तों” को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि INDIA गठबंधन राज्य में बदलाव और न्यायपूर्ण शासन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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