क्या सच में विपक्ष मुस्लिम नेतृत्व को लेकर ईमानदार है?

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kmSudha

बिहार
क्या सच में विपक्ष मुस्लिम नेतृत्व को लेकर ईमानदार है?

चिराग पासवान ने उठाए गंभीर सवाल

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,1 जुलाई :बिहार की सियासत एक बार फिर गर्म है, और इस बार वजह है लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान का एक तीखा बयान, जो उन्होंने विपक्षी दलों खासकर राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दिया है.

पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स हैंडल से जारी इस बयान में चिराग ने विपक्ष की कथनी और करनी में अंतर की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सिर्फ मुसलमानों की चिंता जताने का दिखावा करते हैं, लेकिन जब बात वास्तविक नेतृत्व देने की होती है, तो पीछे हट जाते हैं.

“मेरे पिता रामविलास पासवान जी ने वर्षों पहले कहा था कि बिहार में आज तक कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री नहीं बना है. उन्होंने खुद आगे बढ़कर कहा था कि जो भी मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाएगा, मैं उसका समर्थन करूंगा. उस समय वह किंगमेकर की भूमिका में थे.फिर भी मुस्लिम नेतृत्व नहीं दिया गया,” — चिराग पासवान

कांग्रेस और आरजेडी पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

चिराग यहीं नहीं रुके. उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस पर भी हमला किया और कहा कि “इनकी परंपरा रही है कि खुद अपने ही प्रधानमंत्री के फैसलों को भी ये कूड़ेदान में डाल देते हैं. उनका इशारा कांग्रेस के अंदरूनी टकराव और फैसलों पर अमल न करने की राजनीति की ओर था.

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यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब देशभर में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व और राजनीतिक अवसरों की समानता को लेकर बहस चल रही है. चिराग ने विपक्ष से सवाल पूछा कि जब उनके पिता ने खुद मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रखी थी, तब इन दलों ने उसका समर्थन क्यों नहीं किया?

विपक्ष की संवेदनशीलता पर कटाक्ष

बयान में चिराग ने यह भी कहा कि आज जब विपक्ष मुसलमानों के अधिकारों की बात करता है, तो यह दिखावा ज़्यादा लगता है. उनका मानना है कि सच्चा नेतृत्व देने की बजाय सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए इन समुदायों का इस्तेमाल किया जाता है.
निष्कर्ष:
चिराग पासवान ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले चुनावों में समावेशी नेतृत्व और ईमानदार प्रतिनिधित्व उनके लिए बड़ा मुद्दा रहेगा. विपक्षी दलों के लिए यह बयान चिंता की घंटी हो सकता है, खासकर तब जब उन्हें मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन चाहिए.

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