पहलगाम आतंकी हमले पर ओवैसी का सरकार से तीखा सवाल: इतनी बड़ी फोर्स के बाद भी चूक क्यों?
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली,29 जुलाई: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया हैं. इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर तीखा सवाल दागा है.
ओवैसी ने आज अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा कि,
जम्मू-कश्मीर में इतनी भारी पुलिस और सुरक्षा तैनाती के बावजूद आखिर चार आतंकी पहलगाम जैसे इलाके में घुसकर हमला कैसे कर पाए? इसकी ज़िम्मेदारी किस पर तय होगी?”Asaduddin Owaisi (@asadowaisi)
ओवैसी ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
ओवैसी के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दिया है. उन्होंने सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की विफलता और इंटेलिजेंस इनपुट की कमी को लेकर सवाल उठाया हैं. AIMIM प्रमुख का कहना है कि अगर इतने संवेदनशील क्षेत्र में आतंकी घुसपैठ कर हमला कर सकता हैं. तो यह साफ दर्शाता है कि कहीं न कहीं बड़ी चूक हुआ है.
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल
पहलगाम, जो कि एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और रणनीतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. वहां आतंकियों का इस तरह घुसपैठ कर हमला करना न सिर्फ आम लोगों में डर का माहौल पैदा करता है.बल्कि यह सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता पर भी सवाल खड़ा करता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना में इंटेलिजेंस फेल्योर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
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विपक्ष ने भी सरकार को घेरा
ओवैसी के साथ-साथ कई अन्य विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग किया है. कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों ने भी केंद्र पर हमला करते हुये पूछा है कि कश्मीर में हर साल बढ़ते आतंकी हमलों को रोकने में क्यों असफल हो रहा है सरकार?
अभी तक सरकार की ओर से कोई साफ जवाब सामने नहीं आया
घटना के बाद अब तक केंद्र सरकार या गृह मंत्रालय की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है. हालाँकि, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है.
निष्कर्ष
ओवैसी का बयान एक बार फिर यह दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर देश के राजनीति में गहराई से बहस जारी है.जब तक ऐसी घटनाओं की स्पष्ट जवाबदेही तय नहीं की जाता है.तब तक राजनीतिक हमले और जनता की चिंता दोनों जारी रहेंगा.

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