तेज प्रताप यादव का सत्य का संदेश!

| BY

Ajit Kumar

बिहार
तेज प्रताप यादव का सत्य का संदेश

राजनैतिक और निजी जीवन में क्या है इसका मायने?

तीसरा पक्ष ब्यूरो,पटना: 7 जून को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक प्रेरणादायक पोस्ट साझा किये जिसमें उन्होंने सत्य के मार्ग पर चलने की महत्ता पर जोर दिया.उनकी इस पोस्ट ने बिहार की सियासत में नई चर्चा को जन्म दिया है, खासकर तब जब वह हाल ही में पार्टी और परिवार से निष्कासित किए गए हैं. तेज प्रताप ने लिखा, “सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति होता सदा विजयी.हमें सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए. सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है, पर विजय सदा सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की होती है.

पोस्ट का संदर्भ और संभावित कारण

तेज प्रताप यादव का यह पोस्ट उनके निजी और राजनैतिक जीवन में हाल के घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है. कुछ समय पहले, उनके द्वारा एक लड़की के साथ तस्वीरें साझा करने के बाद RJD सुप्रीमो और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.इस निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने कई भावुक पोस्ट्स के जरिए अपने परिवार, खासकर माता-पिता और भाई तेजस्वी यादव के प्रति प्रेम और समर्थन जताया है. उनकी यह ताजा पोस्ट भी उसी कड़ी का हिस्सा मन जा रहा है. जिसमें वह सत्य और नैतिकता के रास्ते पर चलने की बात कर रहे हैं.

इस पोस्ट में तेज प्रताप ने राजा हरीशचंद्र और महाभारत के पांडवों का उदाहरण

तेज प्रताप ने पांडवों द्वारा युद्ध में कौरवों को हराने का जिक्र कर एक प्रेरणादायक संदेश दिया है. संदेश उनके निष्कासन और उससे जुड़े विवादों पर एक अप्रत्यक्ष जवाब हो सकता है, जिसमें वह अपनी स्थिति को नैतिकता और सत्य के साथ जोड़कर पेश कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पोस्ट उनके निजी जीवन में आए तूफानों और राजनैतिक अलगाव के बीच उनकी मानसिक दृढ़ता को दर्शाती है.

राजनैतिक और सामाजिक प्रभाव

तेज प्रताप का यह पोस्ट बिहार के राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. कुछ लोग इसे उनके पिता लालू प्रसाद यादव और RJD के नेतृत्व के लिए एक संदेश मान रहे हैं, जिसमें वह यह बता रहे हैं कि वह गलत नहीं हैं और सत्य की राह पर चलकर अंततः जीत हासिल करेंगे.दूसरी ओर, उनके समर्थक इसे उनकी सादगी और आध्यात्मिकता से जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि तेज प्रताप अक्सर भगवान कृष्ण और शिव की भक्ति में डूबे नजर आते हैं.

उनके द्वारा किए गए ट्वीट में पांडवों और कौरवों का उल्लेख महाभारत के उस युद्ध को दर्शाता है, जिसमें सत्य और धर्म की जीत हुई थी. यह संदेश उनके विरोधियों, खासकर पार्टी के भीतर मौजूद “जयचंद” (जैसा कि उन्होंने पहले एक ट्वीट में जिक्र किया था) के लिए एक चेतावनी हो सकता है.तेज प्रताप का यह बयान उनके भाई तेजस्वी यादव के साथ उनके रिश्ते को भी मजबूत करता दिखता है, क्योंकि उन्होंने पहले तेजस्वी को “अर्जुन” और खुद को “कृष्ण” कहकर संबोधित किया था.

जनता की प्रतिक्रिया

तेज प्रताप के इस पोस्ट पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रहा हैं. उनके समर्थकों का कहना है कि वह अपनी गलतियों को स्वीकार करने और सत्य के रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि आलोचक इसे एक राजनैतिक स्टंट मान रहे हैं, जो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले उनकी छवि को सुधारने का प्रयास हो सकता है. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनकी तुलना “सलीम” और “हरीशचंद्र” जैसे पौराणिक पात्रों से की, जो सत्य और प्रेम के लिए अपने परिवार और सत्ता से टकरा गए.

तेज प्रताप का अतीत और विवाद

तेज प्रताप यादव का निजी और राजनैतिक जीवन हमेशा से चर्चा में रहा है. 2015 में वह महुआ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए और बिहार सरकार में स्वास्थ्य और पर्यावरण मंत्रालय संभाला.उनकी शादी ऐश्वर्या राय से हुई थी, लेकिन यह रिश्ता विवादों में घिर गया और तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है. हाल ही में एक नई प्रेम कहानी और तस्वीरों के वायरल होने के बाद उनके पिता ने सख्त कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी और परिवार से अलग कर दिया था इसके बावजूद, तेज प्रताप अपनी भावुक और आध्यात्मिक छवि को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.तेज प्रताप यादव का यह पोस्ट सत्य के मार्ग पर चलने का उनका यह संदेश बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला सकता है.

Leave a Comment