परिवार और पार्टी से बेदखली के बाद सियासी हलचल
तीसरा पक्ष ब्यूरो :बिहार की सियासत में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं.हाल ही में पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित किए गए तेजप्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक भावुक पोस्ट साझा कर अपने माता-पिता के प्रति गहरा लगाव व्यक्त किया है. इस पोस्ट में उन्होंने “जयचंद जैसे लालची लोग” कहकर कुछ लोगों पर निशाना साधा, जिससे बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गया है . आखिर तेजप्रताप का इशारा किस ओर है और उनकी इस भावुक अपील का क्या मतलब है?
तेजप्रताप की भावुक पोस्ट
तेजप्रताप ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी सारी दुनिया आप दोनों में समाई है. आप हैं तो सब कुछ है मेरे पास. पापा आप नहीं होते तो न ये पार्टी होती और न मेरे साथ राजनीति करने वाले जयचंद जैसे लोग.” इस पोस्ट को कुछ विश्लेषक उनकी ‘घर वापसी’ की कोशिश के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे परिवार और पार्टी के भीतर चल रही तनातनी का परिणाम मान रहे हैं.
‘जयचंद’ कौन?
तेजप्रताप की पोस्ट में “जयचंद” शब्द का इस्तेमाल ऐतिहासिक रूप से विश्वासघात के प्रतीक के रूप में किया गया है. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम स्पष्ट नहीं किया, लेकिन सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका इशारा उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव या उनके करीबी सहयोगी संजय यादव की ओर हो सकता है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि तेजप्रताप को लगता है कि उनकी निष्कासन प्रक्रिया में पार्टी के कुछ करीबी लोगों ने विश्वासघात किया.

निष्कासन की पृष्ठभूमि
तेजप्रताप को उनके निजी जीवन से जुड़े एक विवाद के बाद राजद और परिवार से निष्कासित किया गया था. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया था, जिसके बाद उनकी पोस्ट वायरल हो गई. हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीरें AI-जनरेटेड थीं. इस पोस्ट के बाद लालू प्रसाद यादव ने तेजप्रताप के व्यवहार को “गैर-जिम्मेदाराना” और “पारिवारिक मूल्यों के खिलाफ” बताते हुए उन्हें छह साल के लिए पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया.
तेजस्वी और परिवार की प्रतिक्रिया
तेजप्रताप के छोटे भाई और राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने इस घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता और न ही मैं इसे बर्दाश्त करता हूं.” वहीं, लालू यादव ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि तेजप्रताप की गतिविधियां पार्टी और परिवार की मर्यादा के अनुरूप नहीं थीं. इस बीच, तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ उनका तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है, जिसने इस विवाद को और हवा दी है.
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सियासी निहितार्थ
तेजप्रताप के निष्कासन और उनकी ताजा पोस्ट ने बिहार की सियासत में कई सवाल खड़े किए हैं. राजद का कोर वोटबैंक, खासकर यादव समाज, इस घटनाक्रम से नाराज हो सकता है, खासकर तब जब पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि तेजप्रताप अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं या अपनी नई पार्टी बना सकते हैं, जैसा कि उन्होंने 2021 में ‘छात्र जनशक्ति परिषद’ बनाकर संकेत दिया था.
तेजप्रताप का अगला कदम
तेजप्रताप की इस भावुक अपील को कुछ लोग उनकी सियासी वापसी की कोशिश के रूप में देख रहे हैं. उनकी पोस्ट में परिवार के प्रति प्यार और पार्टी के भीतर विश्वासघात का जिक्र साफ तौर पर उनकी निराशा और आक्रोश को दर्शाता है.सवाल यह है कि क्या तेजप्रताप चुपचाप इस निष्कासन को स्वीकार करेंगे या फिर परिवार और पार्टी के खिलाफ बगावत का रास्ता चुनेंगे?
निष्कर्ष
तेजप्रताप यादव का यह भावुक संदेश और ‘जयचंद’ टिप्पणी बिहार की सियासत में नई बहस छेड़ने के लिए काफी है. उनकी इस अपील के पीछे का असली मकसद क्या है, यह तो वक्त ही बताएगा.लेकिन इतना तय है कि लालू परिवार और राजद में चल रही यह तनातनी आने वाले दिनों में और सुर्खियां बटोरेगी.

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