देश में इस वक्त अघोषित आपातकाल लागू है:दीपंकर भट्टाचार्य

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kmSudha

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देश में इस वक्त अघोषित आपातकाल लागू है:दीपंकर भट्टाचार्य

इंडिया गठबंधन का वादा गठबंधन सरकार बनते ही सामाजिक सुरक्षा

पेंशन ₹1500 और महिलाओं को ₹2500 की सम्मान राशि मिलेगी

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 26 जून :भाकपा-माले की ओर से 18 जून को शुरू हुई ‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’ यात्रा का समापन आज पटना के ऐतिहासिक जीपीओ गोलंबर पर एक विशाल जनसभा के साथ हुआ.इस समापन समारोह में माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, पार्टी सांसद व विधायकगण, ऐपवा की नेत्रियाँ और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता व आम नागरिक शामिल हुए.

इंडिया गठबंधन का वादा गठबंधन सरकार बनते ही सामाजिक सुरक्षा

यात्रा की अगुवाई पार्टी के सांसद राजाराम सिंह, विधायक महानंद सिंह, रामबली सिंह यादव, गोपाल रविदास, संदीप सौरभ सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने की. 9 दिनों तक चली इस यात्रा ने मगध क्षेत्र के रोहतास, औरंगाबाद, गया, अरवल, जहानाबाद, पालीगंज, विक्रम से गुजरते हुए पटना में दस्तक दी.

समापन सभा में उठे तीखे सवाल

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश में इस वक्त अघोषित आपातकाल लागू है.उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है,लेकिन जनता अब जाग चुकी है.

दीपंकर ने एलान किया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन की न्यूनतम राशि 1500 रुपए कर दी जाएगी और महिलाओं को 2500 रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी.उन्होंने मौजूदा एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 20 वर्षों में पेंशन केवल 1100 तक ही पहुँच सकी, जबकि महँगाई आसमान छू रही है.

चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पर सवाल

चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पर सवाल

दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार में चुनाव से ठीक पहले 8 करोड़ मतदाताओं से नागरिकता के सबूत माँगने की प्रक्रिया को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि “माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र कौन लाएगा?” यह कवायद लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटने का एक हथकंडा है.

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धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा पर हमले का आरोप

भाकपा-माले महासचिव ने सरकार पर वक्फ की संपत्तियों में हस्तक्षेप और शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के नाम पर स्कूल बंद करने का आरोप लगाया.उन्होंने कहा कि ये संविधान की भावना के खिलाफ हैं, जो सबको समान और मुफ्त शिक्षा का अधिकार देता है.

बदलते बिहार की झलक – यात्रा के दौरान मिला भारी समर्थन

यात्रा की अंतिम सुबह पुनपुन के नीमा गांव से शुरू हुई। फुलवारीशरीफ के गंज, अनीसाबाद, बेऊर मोड़, चांगर और अंततः जगनपुरा होते हुए यात्रा ने राजधानी में दस्तक दी। जगह-जगह जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से यात्रियों का स्वागत किया और सभाओं का आयोजन किया.

फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने कहा की हमने फुलवारी में विकास की एक नई इबारत लिखी है.अब समय है मौजूदा जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का. उन्होंने भाजपा पर क्षेत्र को “आतंक का अड्डा” बताकर बदनाम करने का आरोप लगाया.

जनता में उबाल – 9 जुलाई की हड़ताल निर्णायक

सभा में भाकपा-माले नेताओं ने 9 जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को निर्णायक बताया और लोगों से इसमें भाग लेने की अपील की. उनका कहना था कि यह केवल सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए जरूरी संघर्ष है.

सभा में शामिल प्रमुख नेता

सभा में काराकाट के सांसद राजाराम सिंह, फुलवारी के विधायक गोपाल रविदास, घोसी विधायक रामबली सिंह यादव, अरवल विधायक महानंद सिंह, पार्टी सचिव अमर, महानगर सचिव अभ्युदय, ऐपवा नेत्रियाँ रीता वर्णवाल, माधुरी गुप्ता, वंदना प्रभा समेत कई अन्य नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे.

निष्कर्ष:

बदलो बिहार’ यात्रा न सिर्फ भाकपा-माले की राजनीतिक पहल थी, बल्कि यह जनता की पीड़ा और गुस्से की आवाज भी बनकर उभरी. अब देखना यह है कि यह जनलहर आने वाले चुनाव में किस रूप में सामने आती है.

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