प्रधानमंत्री के सामने 7 सूत्री मांगों का प्रदर्शन
तीसरा पक्ष ब्यूरो : पटना आज 27 मई को भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह ने एक साझा प्रेस बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को बिक्रमगंज, रोहतास के दौरे पर आ रहे हैं. इस मौके पर किसान महासभा 28 मई को सोन नहर क्षेत्र के 8 जिलों में धरना-प्रदर्शन करेगी.यह धरना डेहरी ऑन सोन, भभुआ, पीरो, डुमरांव, दाउदनगर, कोच, अरवल और पालीगंज में एक साथ होगा.
किसानों की मांगों को लेकर नेताओं साधा केंद्र सरकार पर निशाना
नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार बिहार आते हैं, लेकिन किसानों की पुरानी और जायज मांगों को लगातार अनदेखा कर रहे हैं. उन्होंने किसानों की सात अहम मांगें गिनाईं:
1. इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण जल्द से जल्द शुरू हो, जो सोन नहर क्षेत्र के किसानों की सालों पुरानी मांग है.
2.सोन नहर प्रणाली को आधुनिक बनाया जाए और नहरों के आखिरी छोर तक पानी पहुंचे.
3.दुर्गावती, मलई बराज और उत्तर कोयल सिंचाई परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जाए. कुटकू डैम में तुरंत फाटक लगाए जाएं.
4. डालमियानगर के बंद पड़े उद्योगों को फिर से शुरू किया जाए और वहां प्रस्तावित रेल कारखाने का काम फौरन शुरू हो.
5.भारत माला सड़क परियोजना और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए ली गई जमीन का 2013 के कानून के हिसाब से चार गुना मुआवजा दिया जाए. बिना उचित मुआवजे के खेती की जमीन का अधिग्रहण बंद हो.
6.खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जाए और स्मार्ट मीटर हटाए जाएं.
7.कॉरपोरेट-हितैषी कृषि नीतियों को वापस लिया जाए. सभी फसलों के लिए डेढ़ गुना लागत पर एमएसपी की कानूनी गारंटी हो. बिहार में एपीएमसी कानून फिर से लागू कर कृषि मंडियों को शुरू किया जाए.
इसके अलावा, नेताओं ने मांग की कि कोरोना काल में बंद हुई ट्रेनें फिर से चलाई जाएं, वरिष्ठ नागरिकों की रेल सुविधाएं बहाल हों, औरआरा-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस का बिक्रमगंज में ठहराव हो.
नेताओं ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई कि इस बार वे किसानों की इन सच्ची मांगों पर ठोस कदम उठाएं और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें न करें.

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