RSS‑BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए – राहुल गांधी

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Ajit Kumar

भारत
RSS‑BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए – राहुल गांधी

संविधान इन्हें चुभता है, क्योंकि वो समानता की बात करता है!

तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली, 28 जून: देश की राजनीति में एक बार फिर संविधान बनाम विचारधारा की बहस छिड़ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तीखी टिप्पणी करते हुए आरएसएस और भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि “RSS का नक़ाब फिर से उतर गया है. इन्हें संविधान चुभता है क्योंकि ये समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है.राहुल गांधी ने स्पष्ट आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस मनुस्मृति की विचारधारा को लागू करना चाहते हैं और संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.

बहुजनों के अधिकारों पर खतरा?

अपने पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि यह गठजोड़ बहुजन, दलित और ग़रीब वर्गों के अधिकारों को छीनकर उन्हें फिर से ‘ग़ुलाम’ बनाना चाहता है. उन्होंने लिखा है की ,संविधान जैसा ताक़तवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है.

हर भारतीय करेगा संविधान की रक्षा: राहुल

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आरएसएस को यह सपना देखना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि देश का हर संविधानप्रिय नागरिक आख़िरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा. उन्होंने लिखा, हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे.

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पृष्ठभूमि में क्या है?

यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में संविधान संशोधन, आरक्षण नीति, और सामाजिक न्याय से जुड़े कई मुद्दों पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार संविधान को कमजोर कर लोकतांत्रिक ढांचे को प्रभावित करना चाहती है.

सियासी बयानबाज़ी तेज

कांग्रेस के इस हमले से सियासी माहौल और गरम हो गया है.भाजपा ने राहुल गांधी के बयानों को ‘गुमराह करने वाला’ और ‘वोटबैंक की राजनीति’ बताया है. वहीं कांग्रेस समर्थक इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए ज़रूरी चेतावनी मान रहे हैं.

निष्कर्ष:

राहुल गांधी का यह बयान न सिर्फ आरएसएस और भाजपा पर तीखा हमला है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि 2029 के आम चुनाव से पहले ‘संविधान बनाम विचारधारा’ एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने वाला है.आने वाले दिनों में यह बहस और तेज़ हो सकती है.

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