अब बिहार बदलेगा, सरकार बदलेगी — तेजस्वी यादव का जनता से सीधा संदेश
तीसरा पक्ष ब्यूरो नवादा (बिहार), 8 नवंबर 2025 — बिहार की राजनीति में गर्मी चरम पर है और चुनावी रैलियों में जनता का जनसागर अब राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा देता नज़र आ रहा है.इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नवादा की एक विशाल जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है.
तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से कहा कि,
मुद्दों की बात छोड़ बिहार में मुर्दों की बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी जी को यह जनसागर जनमत से मात देने जा रहा है.सरकार बदलने वाली है, बिहार बदलने वाला है.
यह बयान न सिर्फ़ राजनीतिक संदेश है, बल्कि जनता के बीच बढ़ते असंतोष और बदलाव की इच्छा का प्रतीक भी माना जा रहा है.

जनता के मुद्दों से दूर होती राजनीति पर प्रहार
तेजस्वी यादव का यह वक्तव्य बिहार की मौजूदा सरकार और केंद्र की नीतियों पर बड़ा हमला है.उन्होंने कहा कि जब देश और बिहार में बेरोज़गारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे सामने हैं, तब प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के नेता इन असली समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.
तेजस्वी ने मंच से सवाल उठाया कि,
बिहार के युवाओं के लिए नौकरियां कहाँ हैं? किसानों को उनके दाम क्यों नहीं मिलते? और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा आज तक पूरा क्यों नहीं हुआ?
बदलाव की लहर: भीड़ ने दिया संकेत
नवादा की रैली में उमड़ी भारी भीड़ ने स्पष्ट संकेत दिया कि बिहार में राजनीतिक हवा बदल रही है. तेजस्वी यादव ने कहा कि यह भीड़ सिर्फ़ आरजेडी की नहीं, बल्कि बिहार की जनता के गुस्से की आवाज़ है.
उनका दावा था कि यह जनसागर अब जनमत में बदल चुका है — जो आने वाले विधानसभा चुनावों में सत्ता परिवर्तन का कारण बनेगा.
युवा बनाम पुराना सिस्टम: नई पीढ़ी की आवाज़
तेजस्वी यादव लगातार युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं.वे खुद को युवाओं की आवाज़ के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार का युवा अब जात-पात या धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि रोज़गार, शिक्षा, और विकास के आधार पर वोट देगा.
उनका यह संदेश खासकर उन मतदाताओं को आकर्षित कर रहा है जो पहली बार वोट डालेंगे.
बिहार की सियासत में नई ऊर्जा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव के बयानों में अब परिपक्वता और आत्मविश्वास दोनों झलकने लगे हैं.
वे हर जनसभा में विकास, शिक्षा और रोजगार जैसे ठोस मुद्दे उठा रहे हैं, जो लंबे समय से बिहार की राजनीति में गौण रहे हैं.
उनका यह अंदाज़ इस बात का संकेत है कि आरजेडी अब सिर्फ़ विरोधी दल नहीं, बल्कि एक वैकल्पिक सरकार के रूप में जनता के सामने आना चाहती है.
मोदी सरकार पर सीधा हमला: ‘मुर्दों की बात नहीं, मुद्दों की बात करो’
तेजस्वी यादव के बयान का सबसे चर्चित हिस्सा वह वाक्य रहा जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुर्दों की बात करते हैं.
यह प्रतीकात्मक टिप्पणी थी — जो बताती है कि बिहार की जनता अब अतीत की राजनीति नहीं, बल्कि भविष्य की उम्मीद चाहती है.
तेजस्वी ने कहा, जब पेट खाली है, नौकरी नहीं है, और किसान कर्ज में डूबे हैं, तो पुरानी बातें और झूठे वादे किसी काम के नहीं.
2025 के चुनाव का संकेत: “सरकार बदलने वाली है”
तेजस्वी यादव ने अपनी रैली में यह भी स्पष्ट कहा कि अब बिहार की जनता तैयार है।
उनका नारा “सरकार बदलने वाली है, बिहार बदलने वाला है” लोगों के बीच गूंज बन चुका है।
वे लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि इस बार चुनाव सिर्फ़ सत्ता का नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य का फैसला होगा।
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राजनीतिक विश्लेषण: क्या बदलेगा बिहार का समीकरण?
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर तेजस्वी यादव इसी जनसमर्थन को बनाए रखने में सफल रहे, तो बिहार में सत्ता परिवर्तन की पूरी संभावना है.
वहीं बीजेपी और जदयू के गठबंधन के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दे गहराई से असर डाल रहे हैं.
निष्कर्ष: बदलाव की गूंज और जनता की पुकार
तेजस्वी यादव की नवादा रैली ने यह साफ़ कर दिया कि बिहार की राजनीति एक नए मोड़ पर है.
जहाँ एक ओर बीजेपी सत्ता बचाने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव जनता के बीच उम्मीद की नई कहानी लिख रहे हैं.
उनका यह बयान — सरकार बदलने वाली है, बिहार बदलने वाला है — अब सिर्फ़ एक नारा नहीं, बल्कि जनता के दिल की आवाज़ बन चुका है.

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