अत्यंत पिछड़ा वर्ग चेतना मंच की 15-सूत्री मांग
तीसरा पक्ष ब्यूरो :पटना आज, राज्यसभा सांसद और अत्यंत पिछड़ा वर्ग चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. भीम सिंह के नेतृत्व में अत्यंत पिछड़ी जातियों का 15 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से पटना के राजभवन में मिला इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को अत्यंत पिछड़ी जातियों की 15 प्रमुख मांगों वाला एक मांगपत्र सौंपा.
डॉ. भीम सिंह ने बताया कि उनके संगठन, अत्यंत पिछड़ा वर्ग चेतना मंच, के बैनर तले इन मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है. इसी कड़ी में 9 मार्च 2025 को पटना के मिलर स्कूल मैदान में एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें बिहार और केंद्र सरकार के कई मंत्री शामिल हुए थे. उस सम्मेलन में भी यह मांगपत्र नेताओं को सौंपा गया था.
मांगपत्र सौंपने के बाद प्रेस से बात करते हुए डॉ. भीम सिंह ने कहा कि राज्यपाल ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और उचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया.
मांगपत्र में शामिल प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं
अत्यंत पिछड़ी जातियों के समग्र विकास के लिए विशेष योजनाएं शुरू करना.
अत्यंत पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की स्थापना करना
5 करोड़ रुपये तक की सरकारी ठेकेदारी में आरक्षण लागू करना.
पंचायत और नगर निकायों में 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% करना.
विधानसभा और लोकसभा में अत्यंत पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित करना.
संविधान में संशोधन कर विधान परिषद में इन जातियों के लिए सीटें सुरक्षित करना.
रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना.
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर फाउंडेशन/इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना करना.
इनके अलावा मांगपत्र में कुल 15 मांगें शामिल हैं, जो अत्यंत पिछड़ी जातियों के उत्थान और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं.
डॉ. भीम सिंह के नेतृत्व में अत्यंत पिछड़ा वर्ग चेतना मंच के 15 सदस्यीय शिष्टमंडल में राम बहादुर चौधरी, नेहा सिंह, निशा सिंह, सुंदर सहनी, सुभाष चन्द्रवंशी, जीत कुमार, जेपी चन्द्रवंशी, प्रभात कुमार मालाकार, संदीप शर्मा, दिलीप चन्द्रवंशी, पप्पू चन्द्रवंशी, सिद्धनाथ सिंह चन्द्रवंशी, चिंचिन कुमार, धीरू चन्द्रवंशी, राकेश कुमार गुड्डू और राम बाबू कानू शामिल थे

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