पुलिस की धक्का-मुक्की पर कार्रवाई की मांग
तीसरा पक्ष ब्यूरो:बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को मुंगेर में आशा कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोपगुट) और ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU) के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं ने मंत्री के कार्यक्रम में जमकर हंगामा किया. प्रदर्शनकारियों ने अपने मांगों को लेकर मंत्री का घेराव करने पहुंचे थे, लेकिन इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई.
सीपीआई(एमएल) के केंद्रीय समिति के सदस्य और बिहार विधान परिषद के सदस्य शशि यादव ने अपने X अकाउंट पर इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि स्वास्थ्य मंत्री के सामने पुरुष पुलिसकर्मी ने आशा कार्यकर्ता नेता को धक्का दिया, और मंत्री मंगल पांडे इस घटना पर चुप रहे. उन्होंने मांग की कि दोषी पुलिसकर्मी को तत्काल बर्खास्त किया जाए.
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घटना का विवरण
प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ता अपनी लंबित मांगों, जैसे नियमित वेतन, बेहतर कार्यस्थितियों और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से मिलने के लिये पहुंचे थे.लेकिन स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश किया.आरोप है कि इस दौरान एक पुरुष पुलिसकर्मी ने आशा कार्यकर्ता नेता को धक्का दिया, जिससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश और बढ़ गया.
X पर पोस्ट में सीपीआई(एमएल) के नेता ने इस घटना की निंदा करते हुए लिखा कि बिहार में मंत्री जी के सामने पुरुष पुलिस कैसे आशा नेता को धक्का देता है, मंत्री जी चुप रहते हैं. उस सिपाही को तुरंत बर्खास्त करो.
आशा कार्यकर्ताओं की मांगें
- आशा कार्यकर्ता लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी कुछ प्रमुख मांगे इस प्रकार है :
- नियमित वेतन और न्यूनतम मजदूरी की गारंटी
- स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा
- कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएं और सम्मानजनक व्यवहार

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